आलोचना पर पहली बार MS धोनी ने तोड़ी चुप्पी, विरोधियों को दिया यह जवाब
फॉर्म और फिनिशिंग की काबिलियत को लेकर लगातार हो रही आलोचना के बीच पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। धोनी ने कहा, ”सबको जिंदगी में अपनी बात रखने का हक है और इसकी इज्जत करनी चाहिए।” धोनी ने यह बात पूर्व तेज गेंदबाज अजीत अगरकर के बयान के जवाब में कही है। हाल ही में अगरकर और पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने धोनी के टी20 करियर को लेकर सवालिया निशान खड़े किए थे, जिसके बाद क्रिकेटर जगत में हलचल मच गई थी। धोनी ने कहा, ”भारतीय क्रिकेट टीम में खेलना ही सबसे बड़ी प्रेरणा है। क्रिकेटर्स को भगवान से तोहफा नहीं मिलता, लेकिन फिर भी उनका करियर लंबा चलता है। इसकी वजह जुनून है। कोच को यही मालूम करना चाहिए। हर कोई देश के लिए नहीं खेलता।” दुबई में अपनी पहली इंटरनेशनल क्रिकेट अकैडमी के उद्घाटन के दौरान धोनी ने कहा, ”मेरा मानना है कि नतीजों से ज्यादा प्रक्रिया जरूरी है। मैंने कभी रिजल्ट के बारे में नहीं सोचा। मैंने हमेशा सही करने पर विचार किया, चाहे 10 रनों की जरूरत हो, 5 की हो या 14 रनों की।”
जब उनसे हेलिकॉप्टर शॉट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते कि युवा एेसे शॉट्स ट्राय करें, क्योंकि इससे उनके घायल होने की संभावना है। धोनी ने कहा, ”यह मैंने टेनिस बॉल से खेलते हुए सीखा है। यह मुश्किल है। टेनिस बॉल से अगर बल्ले के निचले हिस्से पर गेंद लगे तो वह दूर तक जाती है। लेकिन रियल क्रिकेट में इस शॉट को बल्ले के बीचोबीच से मारना पड़ता है। मैं नहीं चाहता कि युवा इसे खेलें, क्योंकि इससे उन्हें चोट लग सकती है।”
इससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने कहा था कि कुछ बुरे लोग धोनी का करियर को खत्म होते हुए देखना चाहते हैं। बंगाल के एक दैनिक समाचार पत्र ‘आनंद बाजार पत्रिका’ को दिए इंटरव्यू में शास्त्री ने कहा था, “ऐसा लग रहा है कि उनके आस-पास उनसे जलने वाले लोग हैं, जो केवल उनके करियर में बुरे दिन देखना चाहते हैं। कुछ लोग ऐसे हैं, जो धोनी के करियर के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, उनके जैसे बेहतरीन खिलाड़ी अपना भविष्य खुद तय करते हैं।”