पहली से 12वीं कक्षा तक लागू होगा ई पाठ्यक्रम, बस्ते का बोझ घटाएगा ई बस्ता

स्कूली छात्रों पर बस्ते का बोझ कम करने के लिए सरकार ई बस्ता कार्यक्रम को आगे बढ़ा रही है। इसके जरिए छात्र अपनी रुचि और पसंद के मुताबिक पाठ्यसामग्री डाउनलोड कर सकेंगे। साथ ही स्कूलों में डिजिटल ब्लैकबोर्ड भी लगाया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक स्कूली बच्चों पर बस्ते के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया था और छात्रों, शिक्षकों ने इसमें काफी रुचि दिखाई है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां छात्र, शिक्षक व रिटेलर्स एक साथ मिलकर एक दूसरे की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। ई -बस्ता के जरिए गांवों व छोटे शहरों के छात्र भी आसानी से इसका लाभ उठा सकते हैं। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि देशभर के छात्रों को डिजिटल शिक्षा पद्धति से जोड़ने की पहल के तहत आने वाले वर्षों में देश के सभी स्कूलों में आपरेशन डिजिटल ब्लैक बोर्ड को लागू किया जाएगा। इसका मकसद देश के सभी छात्रों को डिजिटल शिक्षा पद्धति से जोड़ना है । प्रधानमंत्री की डिजिटल इंडिया पहल के तहत शिक्षा को डिजिटल माध्यम से जोड़ने की पहल की जा रही है। इसके तहत ई बस्ता और ई पाठशाला कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा के लिए ई सामग्री तैयार कर रही है। परिषद को यह काम एक वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। एनसीईआरटी के अनुसार ई बस्ता के संदर्भ में अब तक 2350 ई सामग्री तैयार की जा चुकी हैं। इसके साथ ही 53 तरह के ई बस्ते तैयार किए गए हैं। अब तक 3294 ई बस्ता को डाउनलोड किया जा चुका है। इसके अलावा 43801 ई सामग्री डाउनलोड की जा चुकी है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ई बस्ता के संबंध में एक ऐप भी तैयार किया है। इसके जरिए छात्र टैबलेट, एंड्रायड फोन आदि के माध्यम से सामग्री डाउनलोड कर सकते हैं। स्कूलों में डिजिटल शिक्षा बाकी पेज 8 पर को आगे बढ़ाने की इस पहल के तहत मंत्रालय ने कुछ समय पहले 25 केंद्रीय विद्यालयों में कक्षा आठ के सभी बच्चों को टैबलेट दिए जाने की प्रायोगिक परियोजना शुरू की थी। देश के सुदूर क्षेत्रों में स्कूलों में ई शिक्षा व डिजिटल शिक्षा सुगम बनाने की पहल के तहत ही पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के दौरान आकाश टैबलेट परियोजना शुरू की गई थी। इस संबंध में टैबलेट तैयार भी किए गए थे लेकिन यह परियोजना सफल नहीं हो सकी। अब भारत सरकार ने ई-बस्ता के रूप में देश के छात्रों के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। यह एक सहयोगी मंच है जहां छात्र, शिक्षक और खुदरा पुस्तक विक्रेता सभी एक साथ आकर एक दूसरे की मदद कर सकते हैं। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि सस्ते टैबलेट और स्कूलों को इंटरनेट सुविधा से जोड़े बिना ऐसी परियोजना पूरी तरह से सफल नहीं हो सकती है। ई-बस्ता को व्यवस्थित करने अर्थात पाठ्यक्रमों को छात्रों के मुताबिक व्यवस्थित करने और कमी बताने के लिए स्कूल प्रशासन और शिक्षक इन्हें लॉग इन कर सकते हैं। साथ ही अपने निर्देश दे सकते हैं। वे इस ई-बस्ता में उपलब्ध सामग्री को पोर्टल या एंड्राइड स्मार्ट फोन के जरिए एप्लीकेशन से डाउनलोड कर सकते हैं। डिजिटल रूप में उपलब्ध संसाधनों में टैक्स्ट, एनीमेशन, आॅडियो पुस्तकें और कई अन्य विशेषताओं वाले वीडियो भी शामिल हैं।

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