चित्रकूट: तीन दिन रुके थे सीएम शिवराज, की थीं 60 सभाएं, एक दर्जन मंत्रियों ने डाला था डेरा, हारे तो बोली बीजेपी- कोई फर्क नहीं पड़ता

मध्‍य प्रदेश के चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के हाथों हार के प्रभाव को भाजपा ने नकार दिया। सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के शंकर दयाल त्रिपाठी को 14,133 मतों से पराजित किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान का कहना है कि पार्टी हारी क्यों, इसकी समीक्षा होगी। हार स्वीकारते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, “चित्रकूट के विकास में कोई कमी नहीं होगी।” रविवार को दोपहर बाद चित्रकूट उपचुनाव के नतीजे आने के बाद शिवराज ने ट्वीट कर कहा, “चित्रकूट उपचुनाव में जनता के निर्णय को शिरोधार्य करता हूं। जनमत ही लोकतंत्र का असली आधार है। जनता के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं। चित्रकूट के विकास में किसी तरह की कमी नहीं होगी। प्रदेश के कोने-कोने का विकास ही मेरा परम ध्येय है।” शिवराज ने कांग्रेस से यह सीट छीनने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। वह यहां पर 3 दिन तक डेरा जमाए रहे थे और 60 से ज्‍यादा सभाएं की थी। आदिवासियों के बीच पकड़ जमाने के लिए शिवराज एक रात कुर्रा गांव में आदिवासी के घर रुके, मगर नतीजे उनके पक्ष में नहीं रहे। शिवराज ही नहीं, उनके करीब दर्जन भर मंत्री भी चित्रकूट के चक्‍कर लगाते रहे। यूपी सीएम योगी आदित्‍यनाथ भी चित्रकूट के दौरे पर गए थे।

इस चुनाव नतीजे ने कांग्रेस को जहां जश्न मनाने का मौका दिया है, वहीं भाजपा को आगामी चुनावों के मद्देनजर अपनी रणनीति की समीक्षा करने को मजबूर कर दिया है। कांग्रेस उम्मीदवार की जीत का ऐलान होते ही पार्टी के प्रदेश दफ्तर से लेकर इंदौर, ग्वालियर जैसे स्थानों पर जमकर जश्न मनाया गया। आतिशबाजी हुई, ढोल की थाप पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने खूब ठुमके लगाए।

कांग्रेस को मिली जीत पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, “मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किए गए झूठे वादों का मतदाताओं ने जवाब दे दिया है। मुख्यमंत्री चौहान ने बीते 13 वर्षो में चित्रकूट की जनता से न जाने कितने वादे किए, मगर एक भी पूरा नहीं किया। इस बात से वहां का मतदाता बेहद नाराज था। दूसरी बात कि वहां के लोग विधायक प्रेम सिंह को श्रद्धांजलि देना चाहते थे, इसलिए ज्यादातर मतदाताओं ने कांग्रेस को वोट किया।”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा, “इस नतीजे ने भाजपा के ‘अबकी बार-200 पार’ के हवाई दावों और अहंकारी जुमलों को भी धराशायी कर दिया है। यह कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत है, यह जीत जनता के विश्वास और कार्यकर्ताओं की संगठित मेहनत के चलते मिली है। साथ ही सरकार की हर तरह की कोशिश नाकाम हुई है।”

वहीं कांग्रेस के सांसद और पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, “प्रदेश की जनता ने भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है, जिसकी शुरुआत चित्रकूट से हो गई है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा, “चित्रकूट का जनादेश शिवराज सरकार के प्रदेश से वनवास की शुरुआत है। शिवराज और भाजपा अब कांग्रेस के विजय रथ को नहीं रोक सकते। चित्रकूट का इतिहास मुंगावली और कोलारस में भी दोहराया जाएगा।”

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने हार को स्वीकार करते हुए कहा, “हम जनादेश का सम्मान करते हैं, पार्टी को अपने उम्मीदवार की हार स्वीकार है। वैसे यह विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का परंपरागत क्षेत्र है। यहां भाजपा सिर्फ एक बार 2008 में ही जीती थी। फिर भी हार के कारणों की समीक्षा की जा रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “पार्टी ने अगले चुनाव यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए ‘अबकी बार 200 पार’ का नारा दिया है। इस पर काम किया जाएगा। प्रदेश में 30 वे सीटें हैं, जहां कांग्रेस परंपरागत तौर पर जीतती रही है।”

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