Happy Children’s Day: चाचा नेहरु की इन PHOTOS और संदेश से दें बालदिवस की बधाई

पंडित नेहरु के इस विशेष स्नेह के कारण ही उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है। नेहरु जी अपना अधिकतम समय बच्चों के साथ बिताना पसंद करते थे, वो हमेशा बच्चों के प्रति अपना लगाव जाहिर करते थे। भारत के आजाद होने के बाद 500 देसी रियासतों को एक झंडे के नीचे लाने से लेकर देश के युवाओं के लिए रोजगार आदि जैसे कार्य कर आधुनिक भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आयोग का गठन करने के बाद पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया, जिससे भारत में उद्योग का एक नया युग शुरु हुआ। नेहरु ने भारत की विदेश नीति में भी अपनी प्रमुख भूमिका निभाई और एक विकसित देश का सपना देखा।

आज भारत के बच्चे हर क्षेत्र में अपने देश का नाम रौशन कर रहे हैं और दुनिया के सामने उदाहरण रख रहे हैं कि कला, विज्ञान, अध्यात्म किसी भी क्षेत्र में भारत किसी से भी कम नहीं है। भारत देश के बच्चों के लिए इसी तरह का सपना चाचा नेहरु ने देखा था। स्कूलों में इस दिन को खास बनाने के लिए कार्यक्रम रखे जाते हैं। फैंसी ड्रेस, डांस, नाटक आदि जैसे कार्यक्रम रखे जाते हैं। इस दिन नेहरु जी की सीख बच्चों को समझाने का प्रयास किया जाता है। इस तरह से बच्चों के जीवन में चाचा नेहरु के महत्व को बनाए रखने का प्रयास किया जाता है। कई देशों में बाल दिवस 1 जून को मनाया जाता है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाल दिवस या चिल्ड्रन डे 20 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन चाचा नेहरु के इन संदेशों को बच्चों तक इन शानदार व्हॉट्सऐप और फेसबुक मैसेज के जरिए पहुंचाएं।

जाहिर है, दक्षता का सबसे अच्छा प्रकार वह है,
जो मौजूदा सामाग्री का अधिकतम लाभ उठा सके।।

बिना शांति के सभी सपने खो जाते हैं
और राख में मिल जाते हैं।।

हम एक अद्भुत दुनिया में रहते हैं जो सौंदर्य,
आकर्षण और रोमांच से भरी हुई है।
यदि हम खुली आंखों से खोजे तो यहां रोमांच का कोई अंत नहीं है।।

संकट और गतिरोध जब होते हैं तो
वो हमें कम से कम एक फायदा देते हैं,
वो हमें सोचने पर मजबूर करते हैं।।

असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श
उद्देश्य और सिद्धांत भूल जाते हैं।।

पंडित नेहरु के इस विशेष स्नेह के कारण ही उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है।

जो व्यक्ति भाग जाता है वो शांत बैठे
व्यक्ति की तुलना में अधिक खतरे में पड़ जाता है।।

जो पुस्तकें हमें सोचने के लिए विवश करती हैं,
वो ही हमारी सबसे ज्यादा सहायक होती हैं।।

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