राजस्थान पुलिस में भर्ती होने वाली पहली ट्रांसजेंडर गंगाकुमारी, देश में सिर्फ तीसरा मामला
राजस्थान हाईकोर्ट के निर्देश के बाद राज्य पुलिस में पहली ट्रांसजेंडर को भर्ती किया गया है। जस्टिस दिनेश मेहता द्वारा निर्देश जारी करने के बाद गंगा कुमारी को राजस्थान पुलिस विभाग में पहली ट्रांसजेंडर महिला कांस्टेबल की नौकरी मिली है। जालोर की रहने वाली गंगा कुमारी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि परीक्षा में पास होने के बावजूद भी जालोर पुलिस सुप्रींटेंडेंट द्वारा उसे नियुक्त नहीं किया गया था। बता दें कि गंगा कुमारी राजस्थान की पहली और देश की तीसरी ट्रांसजेंडर हैं जिन्हें सरकारी विभाग में किसी पद पर नियुक्त किया गया है। गंगा कुमारी पिछले दो साल से अपने हक की लड़ाई लड़ रही थी।
इस केस की सुनवाई करते हुए जस्टिस दिनेश मेहता ने मामले को टांसजेंडर्स के साथ होने वाला भेदभाव बताया। जस्टिस दिनेश मेहता ने पुलिस विभाग को छह महीनों के भीतर गंगा कुमारी को नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। रानीवाड़ा की रहने वाली गंगा ने साल 2013 में हुई पुलिस भर्ती की परीक्षा पास की थी। गंगा का नियुक्ति से पहले मेडिकल हुआ जिसमें नियुक्तिकर्ताओं को गंगा के ट्रांसजेंडर होने की बात पता चली और उसकी नियुक्ति रोक दी गई। इसके बाद गंगा कुमारी ने हाईकोर्ट से गुहार लगाई की योग्य होने के बावजूद जालोर पुलिस ने उसकी नियुक्ति को पास नहीं किया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2015 में अपने एक आदेश में कहा था कि ट्रांसजेंडर्स को तीसरा जेंडर माना जाए फिर वो चाहे पुरुष हो या महिला। पीटीआई के अनुसार गंगा कुमारी के वकील रितूराज सिंह ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी ट्रांसजेंडर ने पुलिस भर्ती के लिए परीक्षा दी जिसमें वह कामयाब भी हुई। सिंह ने बताया कि मेडिकल के बाद गंगा की फाइल को जोधपुर रेंज के आईजीपी को भेजा गया जिन्होंने उसे साल 2015 में पुलिस हेडक्वार्टर भेज दिया था। इसके बाद गंगा की फाइल को गृह मंत्रालय भेजा गया जहां पर वह फाइल तबसे ही अन्य फाइलों के साथ दब गई है, इसलिए हाईकोर्ट के जरिए गंगा ने अपने हक की लड़ाई लड़ी और उन्हें कामयाबी मिली।