गुजरात चुनाव: पिता ने कर दिया था मां का कत्ल, जानिए बीजेपी नेता रेशमा पटेल की कहानी
करीब एक महीना पहले पाटीदार आरक्षण आंदोलन के अगुवा हार्दिक पटेल का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हुईं रेशमा पटेल इस हफ्ते दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करेंगी। गुजरात चुनाव से पहले इस मीटिंग को काफी अहम माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि मीटिंग में टिकट बंटवारे को लेकर दोनों के बीच अहम बातचीत हो सकती है। खबरों की मानें तो रेशमा चाहेंगी की वो हार्दिक पटेल के खिलाफ मैदान में उतरें। रेशमा हार्दिक पटेल पर निशाना साधते हुए कहती हैं, ‘गुजरात में हार्दिक पटेल की छवि कैसी हैं, ये बिल्कुल साफ हो चुका है। महिला प्रतिष्ठा की बात करने वाले हार्दिक को हमारी (भाजपा) पार्टी पर आरोप लगाने का हक नहीं है।’ पति से अलग होकर जुड़वा बच्चों संग रहने वाली रेशमा खुद को ‘अनाथ’ बताती हैं। वर्तमान में वो अहमदाबाद में महादेव नगर के एक फ्लैट में रह रही हैं।
गौरतलब है कि इस साल अक्टूबर तक रेशमा हार्दिक पटेल की काफी करीबी मानी जाती थीं जो सरकार से पाटीदार समुदाय के लिए सरकारी नौकरी और कॉलेजों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। रेशमा कहती हैं, ‘तब मुझे एहसास हुआ कि किसी को हमारी मांगों को जारी रखने की जरूरत हैं। फिर मैंने भूख हड़ताल पर जाने का फैसला लिया। गिरफ्तारी के बाद भी मैंने कुछ भी खाने से इंकार कर दिया। लेकिन हार्दिक ने पटेल नेतृत्व से मुझे साइडलाइन कर दिया।’
रेशमा आगे कहती हैं, ‘तब हार्दिक पटेल ने मुझसे पूछा कि सोशल मीडिया पर मुझे अपना मत रखने की आवश्यकता क्या थी? मैं क्यों इतना बोलती हूं?’ बता दें रेशमा पटेल, आंदोलन से जुड़ने से पहले एक बैंक में जीवन बीमा की एजेंट थीं। दूसरी तरफ अपनी कांटों भरी जिंदगी के बारे में बात करते हुए रेशमा कहती हैं, आप विकिपीडिया पर पढ़ सकते हैं। मां की हत्या के आरोप में पिता अभी भी जेल में बंद हैं। उन्होंने साल 2006 में मेरी मां की हत्या कर दी। तब मैं महज 22 साल की थी। मैं अनाथ हूं। मेरे मां-बाप नहीं हैं।’
वर्तमान में रेशमा पटेल पाटीदार आंदोलन की एक महिला नेता (जिन्हें वो दीदी कहकर पुकारती हैं) के साथ अहमदाबाद के एक फ्लैट में रह रही हैं। रेशमा कहती हैं, ‘यही मेरा परिवार है। मेरे आठ साल के दो जुड़वा बच्चे हैं। एक लड़का और एक लड़की है। मैं जानती हूं वर्तमान में बच्चों की देखभाल नहीं कर सकती।’ भाजपा में शामिल होने के सवाल पर रेशमा कहती हैं, ‘राहुल गांधी ने हमसे मुलाकात नहीं की। पाटीदार आरक्षण पर उनकी क्या राय है ये जानने के लिए मैंने उन्हें एक पत्र भेजा। लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।’