नोएडा प्राधिकरण का कदम, दमकल वाहनों से पानी की बौछार करा धूल पर काबू पाने की कोशिश

शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए बुधवार को नोएडा प्राधिकरण ने दमकल की गाड़ियों से पानी की बौछार कराई। करीब एक दर्जन ऐसे चिह्नित इलाकों में पानी की बौछार कराई गई जहां बड़े पैमाने पर निर्माणाधीन इमारतों के चलते धूल उड़ने की स्थिति विकट है। दमकल गाड़ियों के अलावा प्राधिकरण के पानी के टैंकरों पर विशेष किस्म की नोजल लगाकर कृत्रिम बारिश कराई गई। हालांकि कृत्रिम बारिश से प्रदूषण स्तर में कितनी कमी आई है। इसका पता गुरुवार को जारी होने वाले एअर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) से पता चलेगा। सूचकांक के नतीजे के आधार पर आगे और अन्य इलाकों में पानी की बौछार कराने पर अधिकारी फैसला लेंगे।

दिल्ली से सटे नोएडा में भी वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर है। पिछले कुछ दिनों से लोगों को सांस लेने तक में दिक्कतें आ रही थई। वायु प्रदूषण में सुधार के लिए प्राधिकरण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के उपाय नाकाफी साबित होने पर पानी की बौछार कराने का फैसला लिया गया। प्रयोग के तौर पर पहले दिन में दो दमकल गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया। दोनों गाड़ियों में 24-24 हजार लीटर पानी से सड़क, हरित पट्टिका समेत निर्माणाधीन इमारतों वाले इलाकों में बारिश कराई गई। प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक महामाया फ्लाइओवर, डीपीएस से निठारी रोड के अलावा सेक्टर- 75, 76, 72 में बौछज्ञर कराई गई। इन सेक्टरों में बड़े पैमाने पर रिहायशी इमारतें बन रही हैं। जहां धूल से लोगों का बुरा हाल है। अधिकारियों ने सीवेज शोधित पानी का इस्तेमाल करने का दावा किया है। उधर, शहर में वायु प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए दो स्थानों पर एयर मोनीटरिंग स्टेशन लगे हैं।

 

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