फिल्म में ब्राह्मणों को लालची दिखाने का आरोप, अब ‘दशक्रिया’ की रिलीज रोकने में जुटे दक्षिणपंथी संगठन

महाराष्ट्र के पुणे में दक्षिणपंथी संगठन एक मराठी फिल्म पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि फिल्म में ब्राह्मणों को लालची दिखाया गया है। दावा किया जा रहा है कि फिल्म में ब्राह्मण और हिंदू सभी जातियों के बीच नफरत फैलाते हैं। यही नहीं, उन्होंने बिना मंजूरी के उसे रिलीज करने को लेकर फिल्म के डायरेक्टर को चेतावनी जारी की है। मराठी फिल्म ‘दशक्रिया’ अब तक कई अवॉर्ड जीत चुकी है। दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि इसमें ब्राह्मणों और सभी हिंदुओं को लालची दिखाया गया है, जो जीवनयापन के लिए शवों का अंतिम संस्कार कराते हैं। पुणे में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष आनंद दवे ने बताया कि उन्होंने शहर में फिल्म को रिलीज पर रोक लगाने के लिए पुलिस को शिकायत दी है। उन्होंने इसके साथ ही थियेटर के मालिकों को भी फिल्म न लगाने की नसीहत दी है।

दवे के मुताबिक, फिल्म के प्रोमो में यह कहकर ब्राह्मणों का अपमान किया गया है कि वह मोक्ष से जुड़े अनुष्ठानों का कारोबार चलाते हैं। यही कारण है कि फिल्म हिंदू परंपराओं और हिंदू धर्म को बदनाम करती है। यह पूछे जाने पर कि इसे सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) पहले ही पास कर चुकी है, तो वह बोले कि पहले वे लोग उपन्यास से गुजरे, जिसमें उन्होंने पाया कि वह हिंदू धर्म को बदनाम करता है। यही वजह है कि उन्होंने विरोध का फैसला किया। वहीं, शहर में हिंदू जनजागृति समिति के दीपक अगवाने ने बताया कि अभिव्यक्ति की आजादी का यह मतलब नहीं कि वह बाकी धर्मों और विभिन्न जातियों पर हमला बोले।

उधर, फिल्म के निर्देशक संदीप पाटिल का कहना है कि दो मिनट के प्रोमो के आधार पर कैसे ये संगठन फिल्म की आलोचना कर सकते हैं। उन्हें फिल्म देखने के बाद इस पर चर्चा करनी चाहिए। उनका दावा है कि यह फिल्म जाति और धर्म के बजाय समाज में फैले भेदभाव और गैरबराबरी के मसले पर बात करती है। फिल्म के रिलीज की तारीख 17 नवंबर रखी गई थी। फिल्म एक उपन्यास पर आधारित है। उसे बाबा भांड ने लिखा था और वह 1994 में प्रकाशित हुई थी। फिल्म ने 64वें नेशनल अवॉर्ड कार्यक्रम में तीन पुरस्कार अपने नाम किए थे, जिसमें ‘बेस्ट मराठी फिल्म’, ‘बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और ‘बेस्ट स्क्रीनप्ले’ का खिताब शामिल था। दशक्रिया को इसके अलावा महाराष्ट्र की सरकार ने 11 पुरस्कारों से नवाजा था।

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