2 रुपये के सिक्के से रोकते थे ट्रेन, फिर करते थे लूटपाट, बनाया 6 ट्रेनों को निशाना

नोएडा पुलिस और आरपीएफ ने दो ऐसे बदमाशों को गिरफ्तार किया है जो ट्रेन की पटरी पर दो रुपये का सिक्का फंसा ट्रेन को रोकते थे और इसके बाद लूटपाट की घटना को अंजाम देते थे। इन बदमाशों के काम करने का तरीका आपको हैरान कर देगा। रंजन कुमार (22) और दिनेश कुमार (23) नाम के ये दोनों बदमाश ट्रेन की पटरी पर उस जगह दो रुपये का सिक्का फंसाते थे जहां पटरियां आपस में जुड़ी रहती है। इस जगह पर कुछ सेंटीमीटर खाली जगह होती है। इसी खाली जगह में ये लड़के सिक्का डालते। इसके बाद आगे का सिग्नल लाल हो जाता था और ट्रेन कुछ दूर चलकर रूक जाती थी। सिक्का डालने से सिग्नल लाल क्यों हो जाता था, इसकी वजह हम आपको बताएंगे लेकिन पहले इस गैंग के बारे में बताते हैं। इन दोनों के अलावा इस गैंग में दो और लोग शामिल थे जो फिलहाल फरार हैं। ये गैंग ग्रेटर नोएडा, दादरी और बुलंदशहर के ग्रामीण इलाकों से गुजरने वाली पटरियों के पास वारदात को अंजाम देता था।

इस इलाके में कई बार डकैती की घटनाओं के बाद पुलिस ने लुटेरों की तलाश शुरू की। ऐसे ही जांच के दौरान पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में रंजन दिखा जो कि फोन पर बात कर रहा था और इसी दौरान उसने दो रुपये का सिक्का पटरी के ज्वाइंट के बीच फंसा दिया। पुलिस ने जब इनकी तलाश शुरू की ये दोनों पकड़े गये। पुलिस से पूछताछ में इन्होंने डकैती की बात स्वीकार कर ली है और कहा है कि इन्होंने 6 ट्रेनों की लूट की घटना को अंजाम दिया है। ये पहकि ली बार नहीं सिक्कों की मदद से ट्रेनें रोकी गईं है।

अब हम आपको बताते हैं कि सिक्कों को पटरी में फंसाने से सिग्नल लाल क्यों हो जाता है। दरअसल पटरियों के जरिये इंडियन रेलवे सिग्नल भेजता है। इस सिग्नल प्रणाली को ऑटोमैटिक स्टॉप सिग्नल कहते हैं। रेल की पटरी ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सेक्शन की कई सीरीज में बंटी रहती है। रेल पटरियों में हर ज्वाइंट के पास मौजूद छोटी सी जगह सर्किट ब्रेकर के रूप में काम करती है और इसी वजह से सिग्नल ग्रीन रहता है। जब इस खाली स्थान पर कोई भी धातु का टुकड़ा जैसे की सिक्का लगा दिया जाता है तो ये एक कंडक्टर के तौर पर काम करता है और इससे सर्किट टूटता नहीं बल्कि बरकरार रहता है, इस वजह से सिग्नल लाल रहता है। हालांकि भारतीय रेलवे का कहना है कि रेलवे की सिग्निलिंग प्रणाली इतनी कमजोर नहीं है कि महज एक सिक्का डाल कर इसे तोड़ा जा सके। रेलवे अधिकारियों को शक है कि इन्होंने सिग्लनिंग रेलवे केबल में भी हेर फेर किया है।

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