सेना में यादव रेजिमेंट बनाने की मांग, पीएम नरेंद्र मोदी को भेजे गए दो लाख पोस्टकार्ड
अखिल भारतीय यादव महासभा (एआईवाईएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करीब 20 लाख पोस्टकार्ड भेजे हैं। यादव महासभा चाहती है कि भरातीय सेना में एक अलग “यादव रेजिमेंट” खोली जाए। यादव महासभा का दावा है कि वो लम्बे समय से भारतीय सेना में केवल यादवों के लिए “अहीर रेजिमेंट” खोलने की मांग कर रहा है। यादव महासभा की कहना है कि दूसरी जातियों के नाम पर भारतीय सेना में रेजिमेंट है इसलिए यादवो के लिए भी होना चाहिए।
यादव महासभा के महासचिव सत्य प्रकाश यादव ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “हमारे समुदाय के जवान लम्बे समय से जान देते रहे हैं, चाहे वो भारत चीन युद्ध हो, कारगिल युद्ध हो या अक्षरधाम या संसद पर हमले हों। जब हम अपनी जान देने के लिए तैयार हैं तो हमारे लिए अलग विशेष रेजिमेंट होनी चाहिए।” यादव ने दावा किया कि 1965 में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध में 114 अहीर जवानों की जान गयी थी। इन जवानों ने मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था।
भारतीय सेना में कुछ जातियों के नाम पर रेजिमेंटों के नाम हैं। वहीं कई क्षेत्रों के नाम पर भी रेजिमेंट हैं। मसलन, राजपूत रेजिमेंट, जाट रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फ्रैंटरी, महार रेजिमेंट, गोरखा राइफल्स, नगा रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट, मद्रास रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, इत्यादि हैं। हर रेजिमें का अलग-अलग ध्येय वाक्य और नारा होता है। उदाहरण के तौर पर राजपूत राइफल्स का ध्येय वाक्य है, “वीर भोग्या वसुंधरा” और नारा है “राजा रामचंद्र की जय।”