राजपूतों पर दिए बयान से पलटे शशि थरूर, बोले- समुदाय की भावनाओं का करें सम्मान

बॉलीवुड निर्देशक संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित फिल्म ‘पद्मावती’ का देशभर में कड़ा विरोध किया जा रहा है। राजपूतों का इस फिल्म को लेकर कहना है कि इसमें तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है जबकि भंसाली का कहना है कि उन्होंने तथ्यों से कोई छेड़छाड़ नहीं की है। करणी सेना और राजपूतों के अन्य संगठन फिल्म का काफी लंबे समय से जमकर विरोध कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर अपने उस बयान से पलट गए हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘तथाकथित जाबांज महाराजा’ एक फिल्मकार के पीछे पड़े हैं और दावा कर रहे हैं कि उनका सम्मान दांव पर लग गया है, यही महाराजा उस समय भाग खड़े हुए थे जब ब्रिटिश शासकों ने उनके मान-सम्मान को ‘रौंद’ दिया था।

शशि थरूर के इस बयान का कड़ा विरोध जताया गया जिसके बाद उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया “राजपूत समुदाय की विशिष्ट चिंता के लिए लोगों को भारत की विविधता और सद्भाव के हित में उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। राजपूत हमारे इतिहास का हिस्सा हैं और उनपर सवाल नहीं खड़ा होना चाहिए। बीजेपी और सेंसर को उनकी चिंताओं को ध्यान में रखना चाहिए”।

बता दें कि गुरुवार को फिल्म ‘पद्मावती’ का विरोध करते हुए करणी सेना ने इस फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की नाक काटने की धमकी दी जिसके बाद से दीपिका को मुंबई पुलिस द्वारा स्पेशल सिक्योरिटी दी गई है। वहीं इसके अलावा उत्तर प्रदेश के क्षत्रिय समाज के लोगों ने संजय लीला भंसाली या दीपिका पादुकोण का सिर काटकर लाने वालों को पांच करोड़ रुपए इनाम में देने की बात कही है। यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होगी। वहीं सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों को फिल्म न देखने के लिए धमकी दी जा रही है। फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें लिखा गया है कि इस फिल्म को देखने से पहले अपना बीमा करा लें।

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