पूर्व हाइकोर्ट जज पर मनी लाउन्ड्रिंग का केस, बना रखा था तीन करोड़ का “रेट कार्ड”

ओडिशा के पूर्व हाईकोर्ट जज इशरत मसरूर कुद्दुसी समेत छह लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लाउन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। आरोप है कि उन्होंने लखनऊ के एक मेडिकल कॉलेज में छात्रों की भर्ती की अनुमति के लिए दायर की गई याचिका के मामले में कोर्ट की कार्रवाई को प्रभावित करने का प्रयास किया। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमआईसी) ने उसे इसी वजह से प्रतिबंध लगा दिया था। ईडी का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर पर आधारित है, जिसके कारण पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में न्यायिक भूचाल आ गया था। कुद्दुसी और बाकी पांच लोगों को इस बाबत 20 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई और ईडी के सूत्रों की मानें, तो जांच-पड़ताल में यह बात सामने आई थी कि कुद्दुसी और उसके सहयोगियों ने प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के सामने तीन करोड़ रुपए की मांग की थी। बदले में उन्होंने कॉलेज के मालिकों को भरोसा दिलाया था कि वे केंद्र के अफसरों और कोर्ट से अपने हक में फैसला करा लेंगे। मामले की जांच के दौरान एक अधिकारी ने बताया, “यह उनका रेट था। उन्होंने इसी तरह औरों से भी पैसे लिए थे। बदले में कोर्ट से फैसला उनके हक में कराने की बात कही थी। यह कैसे किया गया, फिलहाल यह जांच का विषय है।”

सीबीआई और ईडी के पास उन लोगों की 80 लोगों से बातचीत की रिकॉर्डिंग है, जिसमें वे कोर्ट का फैसला लोगों के हक में कराने के बारे में कहने की बात कहते पाए गए हैं। सीबीआई ने इसी क्रम में कुद्दुसी की आवाज के सैंपल उन फोन रिकॉर्डिंग से मिलाने के लिए लिए हैं। यही नहीं, सीबीआई ने आरोपियों के पास से 1.86 करोड़ रुपए नकद और कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

 

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