हरियाणा की व्यायामशालाओं पर नेताओं की जुबानी कसरत

हरियाणा सरकार द्वारा योग गुरु रामदेव के संस्थान पतंजलि के साथ मिलकर प्रदेश के सभी गावों में खोली जाने वाली व्यायामशालाएं और योग केंद्र हकीकत से कोसों दूर हैं। जबकि तीन वर्ष के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री, खेल मंत्री समेत तमाम मंत्री सार्वजनिक मंच से इसका खूब प्रचार-प्रसार करते रहे हैं। इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि नेताओं के सभी दावे हकीकत से कोसों दूर हैं।
यह है प्रोजेक्ट
हरियाणा सरकार ने योगगुरु रामदेव को योग का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करते हुए प्रदेश के सभी 90 विधानसभा क्षेत्र में 10-10 व्यायामशालाएं और योग केंद्र खोलने की घोषणा की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री, खेलकूद मंत्री और कृषि मंत्री ने उत्साहित होकर इस योजना को शुरू करने से पहले ही इसका विस्तार करते हुए प्रदेश के सभी गावों में व्यायामशालाएं खोलने का एलान करना शुरू कर दिया। सरकार पिछले तीन वर्षों से इस प्रोजेक्ट को हर मंच पर भुनाने का प्रयास कर रही है। कुछ समय बाद सरकार फिर से बैकफुट पर आई और पहले चरण में 900 व्यायामशालाएं बनाने की योजना पर काम शुरू किया।
प्रोजेक्ट की हकीकत
सरकार ने एलान तो सभी गांवों में योग व व्यायामशाला निर्माण का किया था। फिर कहा गया कि पहले चरण में सभी विधानसभा क्षेत्रों में 10-10 का निर्माण होगा, यानी 900 योग व व्यायामशालाएं लोगों को मिलेंगी। पिछले सप्ताह तक का आंकड़ा यह है कि 900 में से केवल 730 ही सरकार ने अभी मंजूर की हैं। इनमें से भी केवल 645 पर काम के टेंडर हुए हैं। काम शुरू हुआ केवल 430 योग व व्यायामशालाओं पर। बनी हैं केवल दो और 428 पर अभी तक  काम जारी है। विकास व पंचायत विभाग के प्रधान सचिव अनुराग रस्तोगी के अनुसार पंचकूला व कैथल में एक-एक योग व व्यायामशाला का निर्माण हुआ है। पंचकूला व कैथल में भी जो योग व व्यायामशाला बनी हैं, वह भी नहीं हो सकी हैं। विभाग के प्रधान सचिव ने अधिकारियों को आदेश दिए कि पहली अप्रैल, 2018 तक हर हाल में 500 योग व व्यायामशालाओं का उद्घाटन कराना सुनिश्चित करें और इसी दौरान बाकी की 400 पर भी काम शुरू करवाएं।

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