द्मावती: बीजेपी नेता ने कहा-विरोध में जरूरत पड़ी तो पार्टी छोड़ दूंगा, पीएम मोदी अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रोकें फिल्म
भले ही फिल्म पद्मावती की रिलीज डेट टल गई हो लेकिन इसको लेकर विवाद अभी तक थमा नहीं है। हरियाणा बीजेपी के नेता सूरज पाल अमू ने खुले आम कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे बीजेपी से त्यागपत्र देने के लिए भी तैयार हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस फिल्म पर बोलना पड़ेगा और इस फिल्म को बंद करवाना होगा। हरियाणा बीजेपी के चीफ मीडिया कॉर्डिनेटर सूरज पाल अमू ने कहा कि उनका संगठन किसी भी हाल में इस फिल्म को रिलीज नहीं होने देगा। इस शख्स ने कहा कि बीजेपी को जब वोटों की जरूरत होती है तो राजपूतों के पास आती है, मुसलमानों के खिलाफ भी पार्टी राजपूतों का इस्तेमाल करती है, लेकिन वोट लेने के बाद अपमान कराने के लिए भी उन्हें राजपूत ही नजर आते हैं। सूरज पाल अमू ने कहा, ‘पीएम नरेन्द्र मोदी हों या राजनाथ सिंह उन्हें इस विवाद पर बोलना पड़ेगा। सूरज पाल अमू ने कहा कि इस फिल्म को रिलीज होने से रुकवाने के लिए वे बीजेपी से त्यागपत्र देने को तैयार हैं।
सूरज पाल अमू ने बीजेपी से सीधे सौदे की पेशकश की। उन्होंने कहा कि गुजरात में चुनाव है, अगर बीजेपी को राजपूतों का वोट लेना है तो फिल्म पद्मावती को कूड़ेदान में फेंकवाना होगा। सूरज पाल अमू ने मेरठ के उस शख्स की तारीफ की जिसने कहा था कि अगर कोई दीपिका पादुकोण का सर काटता है तो उसे वो 5 करोड़ रुपया देगा। इस बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसा करने वाले शख्स को वे लोग 10 करोड़ रुपये देंगे और उसके परिवार की देखरेख भी करेंगे। सूरज पाल अमू के मुताबिक वे लोग फिल्म में काट-छांट से संतुष्ट नहीं हैं और फिल्म पर पूरी तरह से रोक चाहते हैं।
बता दें कि फिल्म पद्मावती की रिलीज फिलहाल स्थगित कर दी गई है। पद्मावती एक दिसंबर को रिलीज होने वाली थी। फिल्म के निर्माता और वितरक वायकॉम 18 मोशन पिक्च र्स के एक प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी।कंपनी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘पद्मावती’ की निर्माण कंपनी वायकॉम 18 मोशन पिक्च र्स ने अपनी पूर्वनिर्धारित तारीख 1 दिसंबर, 2017 को फिल्म की रिलीज स्थगित कर दी है। फिल्म की कहानी राजपूत रानी पद्मावती को लेकर तथ्यों से छेड़छाड़ को लेकर विवादों में घिरी है। हालांकि, भंसाली इस बात से कई बार इंकार कर चुके हैं।कुछ हिंदू समूह फिल्म की रिलीज का विरोध कर रहे हैं जबकि कुछ राजनीतिक संगठनों ने मांग की है कि गुजरात विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इसकी रिलीज स्थगित कर दी जाएगी। निर्माताओं को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।