पद्मावती विवाद: जावेद अख़्तर ने कहा- राजस्थान के राजा पगड़ी बाँधकर करते रहे अंग्रेजों की गुलामी, तब कहां गई थी राजपूती
फिल्म पद्मावती को लेकर विवाद अभी जल्दी थमता नहीं दिख रहा है। जहां एक तरफ फिल्म के विरोध को देखते हुए फिल्म की रिलीज की तारीख आगे बढ़ा दी गई हैं। वहीं सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसुन जोशी ने बोर्ड के सर्टिफिकेट मिले बिना फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग रखने पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि संजय लीला भंसाली को फिल्म इंडस्ट्री से पूरा समर्थन मिल रहा है। उनके समर्थन में गीतकार जावेद अख्तर भी सामने आए हैं। हालांकि एक मीडिया चैनल से बात करते हुए जावेद अख्तर ने जो बात कहीं हैं वो अपने आप में एक और नए विवाद का कारण बन सकती है। राजदीप को दिए इंटरव्यू में जावेद आख्तर जमकर पद्मावती का विरोध करने वालों पर बरसे। जावेद ने घूमर डांस करते हुए पद्मावती को दिखाने पर सवाल करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ये तो मुल्ले मौलवी ऐसी बातें करते हैं। ये क्या आईएसआईएस जैसी विचार लाना चाहते हैं।
हमारे यहां तो कथककली में भगवान कृष्ण की पूरी लीली दिखाई जाती है। इसके बाद फिल्म के विरोध कर रहे हैं शाही राजपूत परिवारों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मैं एक आम राजपूत की तो बात सुन लूंगा लेकिन इनकी शाही राजे महाराजे की नहीं सुनुंगा। ये 200 साल तक पगड़ी बांध कर अंग्रेजों के दरबार में खड़े रहे अब राजपूती जाग रही है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब जावेद अख्तर इस विवाद पर बोले हों। इससे पहले जावेद अख्तर ने पद्मवाती को एक काल्पनिक किरदार बताया था। जावेद अख्तर ने मुगल ए आजम की सलीम अनारकली से इसकी तुलना करते हुए कहा था कि,” टीवी पर इतिहास के एक प्रोफेसर को सुन रहा था। वो बता रहे थे कि ‘पद्मावती’ की रचना और अलाउद्दीन खिलजी के समय में काफी फर्फ था। जायसी ने जिस वक्त इसे लिखा और खिलजी के शासनकाल में करीब 200 से 250 साल का फर्क था। इतने साल में जब तक कि जायसी ने पद्मावती नहीं लिखी, कहीं रानी पद्मावती का जिक्र ही नहीं है।”