महिलाओं का खतना: हैरान-परेशान करने वाली हैं ये 10 बातें
खतना मुस्लिम समुदायों में आज भी धड़ल्ले से चल रहा है। सिर्फ पुरुष ही नहीं कई देशों में महिलाओं का भी खतना किया जाता है। भारत में अब तक खतना को लेकर कोई कानून नहीं है। बोहरा समुदाय भी इस परंपरा का पालन करता है। इंडोनेशिया, इथियोपिया और मिस्र में बहुत कम उम्र में ही बच्चियों का खतना कर दिया जाता है। यह लड़कियों और महिलाओं के लिए बेहद दर्दनाक और यातना भरी प्रक्रिया होती है। हम आपको खतना के बारे में 10 एेसी बातें बताने जा रहे हैं, जो आपको आज से पहले पता नहीं होंगी।
यह प्रक्रिया पारंपरिक तरीके से की जाती है और इसे करने वाले लोग समुदायों में बच्चों का जन्म कराना जैसे काम करते हैं। कई बार हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स भी खतना करते हैं। उन्हें लगता है कि यह प्रक्रिया सुरक्षित है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की संस्था डब्ल्यूएचओ ने हेल्थ प्रोफेशनल्स से इसे नहीं करने की गुजारिश की है।
-खतना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं और लड़कियों के मानवाधिकारों का हनन माना गया है। यह लिंग असमानता और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव पैदा करता है। हैरानी की बात है कि इस प्रक्रिया से स्वास्थ्य को कोई फायदा नहीं पहुंचता, केवल नुकसान होता है।
-करीब 20 करोड़ महिलाओं को इस दर्दनाक प्रक्रिया से गुजरना पड़ा है। अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और एशिया के 30 देशों में आज भी महिलाओं का खतना किया जाता है।
-इस प्रक्रिया के कारण महिलाओं के शरीर को तुरंत बाद गंभीर दर्द, बुखार, मूत्र समस्याओं, घाव देर से भरना, बहुत ज्यादा खून बहना जैसी भयंकर समस्याओं से गुजरना पड़ता है। वहीं लंबी अवधि में सेक्शुअल प्रॉब्लम, वेजाइनल प्रॉब्लम, यूनिनरी प्रॉब्लम, बच्चे होने में दिक्कत, मानसिक समस्याएं और बेचैनी जैसी परेशानियां होती हैं।
-अनुमान है कि अकेले अमेरिका में ही 5 लाख महिलाएं और लड़कियां खतना का शिकार हैं या उसके खतरे में हैं। अब तक अमेरिका में सिर्फ एक ही शख्स को खतना करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दोषी साबित होने पर 10 साल कैद की सजा का प्रावधान है।
-ब्रिटेन में पिछले 160 वर्षों से खतना एक अपराध है। बावजूद इसके खतना को बैन करने के लिए यहां 1985 में एक कानून लाया गया। तब से आज तक सिर्फ एक ही मामला सामने आया है, जिसमें प्रतिवादियों को बरी कर दिया गया था।
-खतना चार तरह का हो सकता है-पूरी क्लिटोरिस को काट देना, कुछ हिस्सा काटना, योनी की सिलाई, छेदना या बींधना। 10 में से टाइप 3 सबसे खतरनाक होता है। इस प्रक्रिया में महिला योनि के एक हिस्से क्लिटोरिस को रेजर ब्लेड से काट दिया जाता है। या कुछ जगहों पर क्लिटोरिस और योनि की अंदरूनी त्वचा को भी आंशिक रूप से हटा दिया जाता है।
-आंकड़ों के मुताबिक जिन 20 करोड़ लड़कियों का खतना होता है, उनमें से करीब साढ़े चार करोड़ बच्चियां 14 से कम उम्र की होती हैं। इंडोनेशिया में आधी से ज्यादा बच्चियों का खतना हो चुका है।
-यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में सालाना 20 करोड़ महिलाओं का खतना होता है। इनमें आधे से ज्यादा सिर्फ मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया में होते हैं।
-इस परंपरा को लेकर विश्वास है कि महिला यौनिकता पितृसत्ता के लिए खतरनाक है और महिलाओं को सेक्स का लुत्फ उठाने का कोई अधिकार नहीं है। माना जाता है कि जिस महिला का खतना हो चुका है, वह अपने पति के प्रति ज्यादा वफादार होगी और घर से बाहर नहीं जाएगी।