भागलपुर: 4 लड़कों की हत्या कर गंगा में फेंकने के मामले में बिहपुर थानेदार का निलंबन और 20 सिपाहियों का हुआ तबादला
भागलपुर जिले में बिहपुर इलाके के चार लड़कों के अगवा और हत्या कर गंगा नदी में फेंक देने के मामले में पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली है। बल्कि बिहपुर थाना की पुलिस ने बदमाशों पर कार्रवाई करने में ढिलाई बरती है। इसी आरोप में भागलपुर रेंज के डीआईजी विकास वैभव ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए थाना बिहपुर के थानेदार राम विचार पासवान को निलंबित कर दिया और थाने के दूसरे तमाम दारोगा और 20 सिपाहियों का तबादला कर दिया। इन सबको फौरन अपना योगदान नवगछिया में देने को कहा गया है। मालूम हो कि नवगछिया में हाल के दिनों में अपराध की घटनाएं बेतहाशा बढ़ी हैं।
बुधवार शाम नवगछिया जाकर वहां के प्रभारी एसपी सुधीर कुमार के साथ इस मामले की समीक्षा डीआइजी ने की। 13 नवंबर से गायब गौरीपुर के सौरभ और छोटू व नरकटिया गांव के प्रदीप और श्रवण का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। इनको ढूंढने के लिए तीन जिले भागलपुर, नवगछिया और खगड़िया के तीन डीएसपी समेत 10 पुलिस अधिकारियों को डीआइजी ने लगाया है। पुलिस को आशंका है कि इनको अगवा करने के बाद हत्या कर दी गई और लाशों को गंगा नदी में फेंक दिया गया। यह अटकल गंगापार के बदमाशों का अपराध की स्टाइल की वजह से पुलिस लगा रही है। हत्या कर लाशों को गंगानदी में बहा देने का यहां पुराना रिकॉर्ड रहा है।
इनकी लाशों को ढूंढना और इनके हत्यारों को दबोचना पुलिस के लिए बड़ी चुनोती बनी है। विकास, पिंकू झा, सिक्सर झा समेत सात बदमाशों के नाम पुलिस तहकीकात में सामने आए हैं। वक्त रहते बिहपुर थाने की पुलिस इन्हें दबोच सकती थी। मगर ढिलाई बरती गई। डीआइजी ने इनपर कार्रवाई की यही वजह मानी है। वैसे नवगछिया इलाके में इन दिनों अपराध की कई वारदातें हुई हैं। इसी महीने की 4 तारीख को इस्माईलपुर के मोती मंडल की हत्या कर दी गई। इसके ठीक एक दिन पहले तेतरी गांव की महिला सावनी देवी की हत्या कर बदमाशों ने लाश गायब कर दी। इसी दिन कलाई फसल के लिए गुंडों के दो गुटों में जमकर गोलीबारी हुई।
16 नवंबर को नगरह सड़क पर सरेआम दिनदहाड़े पंचायत समिति सदस्य ललिता देवी के पति सुनील शर्मा की गोली मार हत्या कर दी गई। 17 नवंबर को बाजार से अपने घर जाने के दौरान जीबी कॉलेज के नजदीक पंकज कुमार को गोली मारी गई। 20 तारीख को खरीक थाने के तहत एनएच31 पर एक कर्मचारी से बैंक जाने के दौरान 14 लाख रुपए लूट लिए गए। इन सब मामलों में भी पुलिस बेवस सी दिख रही है। तभी कोई पकड़ा नहीं गया।
लागातार हो रहे इन वारदातों की वजह से भी डीआइजी इलाके का दौरा कर रहे हैं। आलाधिकारियों की चिंता बढ़नी लाजमी भी है। बावजूद इसके अबतक नतीजा सिफर है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। गंगापार फसल रोपता कोई और है और काटता कोई और है। यह यहां का पुराना रिवाज है। इस तरह के अपराध तो अक्सर यहां होते रहते हैं।