रोज लगता है कि घर लौटेंगे पापा

मुंबई हुए आतंकी हमले को भले ही नौ वर्ष बीत गए हों लेकिन पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को पकड़ने के प्रयास में सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिस उपनिरीक्षक तुकाराम आंबले के परिवार को लगता है कि वे घर लौटेंगे। हमले की बरसी से पहले उनकी बेटी वैशाली आंबले नम आंखों से अपने पिता को याद करते हुए कहती हैं, ‘हमें हमेशा लगता है कि पापा किसी भी क्षण घर लौट जाएंगे, हालांकि हमें यह पता है कि वह अब कभी नहीं आएंगे।’ एमएड की पढ़ाई कर चुकी वैशाली शिक्षिका बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अक्सर यह सोचा करते हैं कि पापा ड्यूटी पर गए हैं और वे घर लौट आएंगे। हमने उनके सामानों को घर में उन्हीं जगहों पर रखा है जहां वे पहले रहते थे। उनके सर्वोच्च बलिदान पर हमारे परिवार को गर्व है।’ वैशाली आंबले ने कहा, ‘नौ साल बीत गए, लेकिन ऐसा एक दिन नहीं बीता, जब हमने उनको याद न किया हो।’ वैशाली अपनी मां तारा और बहन भारती के साथ वर्ली पुलिस कैंप में रहती हैं। भारती राज्य सरकार के जीएसटी विभाग में अधिकारी हैं।

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