आरबीआई ने जारी किए नोटबंदी के आंकड़े, बंद हुए 1000 रुपये के 99 फीसदी नोट लौटे

नई दिल्ली
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने वार्षिक रिपोर्ट 2016-17 को जारी किया है। इस रिपोर्ट में नोटबंदी के बाद मार्च 2017 तक की स्थिति की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के दौरान बैन किए गए 1000 रुपये के पुराने नोटों में से करीब 99 फीसदी बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट आए हैं। 1000 रुपये के 8.9 करोड़ नोट (1.3 फीसदी) नहीं लौटे हैं। पिछले साल नवंबर में लागू की गई नोटबंदी के दौरान देश में प्रचलन में रहे 15.44 लाख करोड़ रुपये के प्रतिबंधित नोट में से 15.28 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट कर आ गए हैं।

नोटबंदी से पहले 1000 रुपये के नोटों की कुल संख्या 632.6 करोड़ थी। यानी सर्कुलेशन में 1000 रुपके के नोटों की टोटल वैल्यू 6326 अरब रुपये थी। इसमें से केवल 89 अरब वैल्यू के नोट नहीं लौटे हैं। नोटबंदी के बाद सर्कुलेशन में मौजूद नोटों के टोटल वैल्यू में 2000 रुपये के नए नोट की हिस्सेदारी 50.2 फीसदी है।

रिजर्व बैंक ने कहा कि नोटबंदी के बाद नये नोटों की छपाई से वर्ष 2016-17 में नोटों की छपाई की लागत दोगुनी होकर 7,965 करोड़ रुपये हो गई जो 2015-16 में 3,421 करोड़ रुपये थी। नोटबंदी के बाद बैंकिंग सिस्टम में नोटों का सर्कुलेशन 20.2 फीसदी (YoY) घटा है। इस साल सर्कुलेशन में नोटों की वैल्यू 13.1 लाख करोड़ है जबकि पिछले साल (मार्च) यह 16.4 लाख करोड़ थी।

2000, 500 रुपये की नई डिजाइन के भी नकली नोट पकड़े गए
आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकिंग सिस्टम में मार्च 2017 तक 7,62,072 नकली नोट पकड़े गए। सबसे बड़ी चिंता की बात 2000 और 500 रुपये की नई डिजाइन के भी नकली नोटों के सामने आने की है। आरबीआई के मुताबिक 2000 रुपये के नोट की नई डिजाइन के 638, और 500 रुपये के नोट की नई डिजाइन के 199 नकली नोट पकड़े गए।

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