सेना में बड़ा फेरबदल: 57000 जवानों, अफसरों की नए सिरे से तैनाती करेगी नरेंद्र मोदी सरकार

डोकलाम विवाद सुलझने के चंद रोज बाद ही नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए बड़े बदलाव के घोषणा की है। केंद्र सरकार ने करीब 57 हजार भारतीय अफसरों और सैनिकों को संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल के मद्देनजर की तैनाती में फेरबदल किया गया है।  रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार (30 अगस्त) को इसकी घोषणा करते हुए संभवतः आजादी के बाद पहली बार भारतीय सेना में इतना बड़ा फेरबदल किया जाएगा। जब जेटली से पूछा गया कि क्या भारत सरकार ने डोकलाम विवाद के चलते ये फैसला लिया है? इस पर उन्होंने कहा, “ये किसी एक घटना से जुड़ा फैसला नहीं है। डोकलाम से बहुत पहले से इसकी तैयारी चल रही थी।” जेटली ने कहा कि इन ‘दूरगामी’ सिफारिशों को लागू करने का काम तत्काल शुरू किया जाएगा।रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार (29 अगस्त) को यह फैसला लिया और बुधवार (30 अगस्त) को केंद्रीय मंत्रिमंडल को इसकी सूचना दी।

सेना में इन सुधारों की सिफारिश सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल डीबी शेकटकर की कमेटी ने किया था। इस कमेटी ने सेना के पास उपलब्ध संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल से उसकी मारक क्षमता बढ़ाने के लिए 99 सुझाव दिए थे। सेना की भाषा में इसे “टीथ टू ट्रेल रेशियो” कहते हैं जिससे सेना के हर जवान के लिए उपलब्ध संसाधन और सहायकों की संख्या पता चलती है। रक्षा मंत्रालय ने सभी पक्षों से बातचीत के बाद शेकटकर कमेटी के 65 सुझाव मान लिए हैं। रक्षा मंत्री के अनुसार फेरबदल की पूरी प्रक्रिया अभी से शुरू होकर 31 दिसंबर 2017 तक पूरी कर ली जाएगी। भारतीय सेना में करीब 12 लाख अफसर और जवान हैं।

लागू की जाने वाली सिफारिशों में ब्रिटिश शासन से चली आ रही प्रणाली की पुर्नसरचना के काम जैसे – सिग्नल्स एवं इंजीनियरिंग कॉर्प्स तथा ऑर्डनेंस इकाइयों का पुनर्गठन, कुछ इकाइयों का विलय तथा मिलिट्री फॉर्म्स को बंद करना शामिल हैं। जेटली ने कहा, “इस समिति का गठन सश बलों की मारक क्षमता बढ़ाने तथा रक्षा पर होने वाले खर्च के पुर्नसतुलन की सिफारिशें देने के लिए किया गया था.. ताकि सीमा पर जंग में सीधे हिस्सा लेने वाले सैनिकों और उन्हें लॉजिस्टिक्स की आपूर्ति एवं अन्य मदद मुहैया कराने वाले सैनिकों के बीच के अनुपात (टूथ टू टेल रेशियो) में सुधार किया जा सके।”

जेटली ने कहा, “इसका सम्मिलित असर यह होगा कि सेना में विभिन्न कार्यो में लगे जवानों का बदली हुई परिस्थितियों में कैसे सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जा सकता है। कई दूरगामी सिफारिशें की गई हैं, उदाहरण के लिए क्या हमें अब मिलिट्री फॉर्म्स की जरूरत रह गई है? आधुनिक प्रौद्योगिकी के जमाने में क्या हमें सेना में अलग से डाक विभाग रखने की जरूरत है?” जेटली ने कहा, “इन्हीं सिफारिशों के अनुसार, सेना में 57,000 जवानों, जेसीओ और अन्य रैंक के कर्मियों की नए सिरे से तैनाती की जाएगी।”

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