हाई कोर्ट से मुलायम सिंह यादव के समधी को मिली राहत

हत्या की कोशिश के मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव और उनके बेटे विजय प्रताप को राहत प्रदान करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अगर वे दो जनवरी, 2018 तक फिरोजाबाद स्थित सत्र अदालत में पेश हो जाते हैं, तो उनके खिलाफ कुर्की की कार्यवाही नहीं की जाए।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने हरिओम यादव और उनके बेटे की याचिका पर यह आदेश दिया।

इस याचिका में यादव और उनके बेटे ने फिरोजाबाद के अतिरिक्त सत्र अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। अदालत ने दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के साथ ही उनकी संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए थे। हरिओम यादव समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता मुलायम सिंह यादव के समधी हैं, जबकि विजय प्रताप उनके बेटे फिरोजाबाद जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष हैं।

इस मामले के तथ्यों के मुताबिक, 9 अक्तूबर, 2015 को शिकोहाबाद पुलिस थाना में प्रशांत नाम के एक व्यक्ति और कई अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी जिसमें हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था। इस हमले में रमेश चंद्र नाम के एक व्यक्ति को गंभीर चोटें आई थीं।

मामले की सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान दर्ज किए जाने के बाद निचली अदालत ने 12 सितंबर, 2017 को हरिओम यादव और उनके बेटे विजय प्रताप को समन जारी किया। चूंकि वे 15 नवंबर, 2017 को अदालत में पेश नहीं हुए, इसलिए दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट और कुर्की का आदेश दिया गया।

 

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