‘मैं लश्‍कर का सबसे बड़ा समर्थक, हाफिज सईद भी पसंद है’, पाकिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति परवेज मुशर्रफ का कबूलनामा

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने आंतकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का खुद को सबसे बड़ा समर्थक बताया है। साथ ही कहा है कि वो आतंकी हाफिज सईद को भी बहुत पसंद करते हैं। पाकिस्तान टीवी एआरवाई टीवी के एक कार्यक्रम में मुशर्रफ ने यही भी माना है कि सईद भी उन्हें बहुत पंसद करता है। 26/11 मुंबई के गुनाहगार पर बात करते हुए पू्र्व राष्ट्रपति ने आगे कहा कि कश्मीर में सईद की घुसपैठ को वो समर्थन करते हैं। जमात-उद-दावा संगठन भी उन्हें पसंद करता है।

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं हाफिज सईद से मिल चुका हूं। हाल के दिनों में मेरी और उनकी (सईद) मुलाकात हुई थी। मैं कश्मीर में कार्यवाई का समर्थन में रहा है। मैं हमेशा से उनके एक्शन के समर्थन में रहा हूं। क्योंकि भारतीय सेना को हमें दबाना है। यहीं सबसे बड़ा दबाव है। अमेरिका के साथ मिलकर भारत ने हाफिज सईद को आंतकी घोषित करवा दिया।’ मुशर्रफ ने इस दौरान कहा कि हां मुझे पता है कि सईद कश्मीर में सक्रिय रहते हैं। कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच में है। एंकर द्वारा पूछे जाने पर कि क्या लश्कर मुंबई आतंकी हमले में शामिल था? इसपर मुशर्रफ ने कहा, नहीं हाफिज मुंबई में हमलों में शामिल नहीं थे।

गौरतलब है कि बीते दिनों पाकिस्तान में नजरबंद आतंकी हाफिज सईद को रिहा किया गया था। नजरबंदी से रिहाई के कुछ ही देर बाद मुंबई हमले के मास्टर माइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने कहा था कि वह कश्मीर के लिए पूरे पाकिस्तान से लोगों को जुटाएगा और ‘आजादी’ पाने में कश्मीरियों की मदद करेगा। आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण जमात-उद-दावा प्रमुख पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया है। पाकिस्तान सरकार ने मुंबई हमला मामले में सईद को और अधिक दिनों तक हिरासत में नहीं रखने का फैसला लिया, जिसके बाद आतंकवादी संगठन के प्रमुख को रिहा कर दिया गया।

वह इस वर्ष जनवरी से हिरासत में था। रिहाई की खुशी में अपने आवास के बाहर जमा हुए समर्थकों से सईद ने कहा, ‘मुझे सिर्फ कश्मीर पर मेरी आवाज को दबाने के लिए 10 महीने तक हिरासत में रखा गया।’ पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने सईद की 30 दिनों की नजरबंदी की अवधि पूरी होने के बाद आम सहमति से उसकी रिहाई का आदेश दिया था। इस बोर्ड में लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीश भी शामिल हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *