आईजी ने बताया- राम रहीम ने लाल बैग मांग कर भेजा था सिग्नल, था कोर्ट से भागने का प्लान
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बलात्कारी बाबा राम रहीम सिंह को दो साध्वियों के साथ रेप का दोषी करार दिए जाने के बाद उसके समर्थकों का प्लान उसे पंचकुला कोर्ट से भगा ले जाने का था। इसके लिए पूरा प्लान बनाया गया था। हरियाणा पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने इसका दावा किया है। मीडिया से बात करते हुए इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस केके राव ने बताया, ‘जैसे ही बाबा को बलात्कारी करार दिया गया, उसने अपना लाल बैग मांगा, जो वह अपने साथ सिरसा से लेकर आया था। उसने कहा कि उसमें उसके कपड़े हैं। यह एक सिग्नल था, जो वह अपने समर्थकों तक पहुंचाना चाहता था कि उसे दोषी करार दे दिया गया, आप हंगामा शुरू कर दो।’ उन्होंने बताया कि जैसे ही गाड़ी से बाबा का वह बैग निकाला गया, तभी वहां से करीब 2-3 किलोमीटर दूर आसूं गैस के गोले छोड़ने की आवाज सुनाई दी। इसके साथ ही हम समझ गए थे कि बैग मांगने के पीछे कोई सिग्नल छुपा है।
वरिष्ठ अधिकारी ने सबसे संदिग्ध बात यह बताई कि दोषी करार दिए जाने के बाद राम रहीम और उसकी मुंह बोली बेटी को कोर्ट परिसर में काफी देर तक खड़ा रखा गया, जबकि वहां कुछ भी नहीं करना था। अधिकारी ने बताया, ‘वे लोग चाह रहे थे कि बाबा को गाड़ी में बैठाने से पहले समर्थकों तक यह जानकारी पहुंच जाए कि बाबा को कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा है।’
राव ने बताया, ‘पुलिस ने बाबा को उसकी पर्सनल गाड़ी की बजाय डीसीपी (क्राइम) सुमीत कुमार की गाड़ी में बैठाने का फैसला किया। जब हम लोग उसे गाड़ी में बैठा रहे थे तो कई वर्षों से उसकी सुरक्षा में तैनात कमांडोज ने डेरा प्रमुख को घेर लिया। इसके बाद डीसीपी और उनकी टीम कमांडोज के साथ भिड गई और उन्हें वहां से भगाया गया।’
राव ने बताया कि हमारे लिए दूसरा खतरा डेरा प्रमुख के काफिले की वो 70-80 गाड़ियां थी जो कि थिएटर के पास खड़ी थीं। हम लोग उस रूट पर नहीं जाना चाहते थे, जहां ये गाड़ियां खड़ी थी, हमें आशंका थी कि हो सकता है उन गाड़ियों में लोग हथियार लेकर बैठे हों। हमारी पहली प्राथमिकता बाबा को हेलीपैड तक ले जाना था। हमने इसके लिए अपना रूट बदलने का फैसला किया।