सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- क्या पूरी तरह बैन कर सकते हैं पटाखे

सर्वोच्च न्यायालय ने पटाखे बनाने, जलाने और उनकी बिक्री पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग करती एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को केंद्र को नोटिस जारी किया। इस याचिका में किसानों द्वारा पराली जलाने पर भी राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति ए.के. सिकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने अर्जुन गोपाल नामक एक बच्चे की याचिका का जवाब देने के लिए केंद्र को चार सप्ताह का समय दिया है। बच्चे का प्रतिनिधित्व वकील गोपाल शंकरनारायण कर रहे हैं। इस मामले को लेकर अन्य याचिकाकर्ताओं ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

इन याचिकाओं में पटाखे बनाने, जलाने और उनकी बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है, क्योंकि पटाखों के कारण वायु प्रदूषण में इजाफा हो रहा है, जिसकी पहले से ही गंभीर स्थिति है। बता दें कि दिवाली से ठीक कुछ दिन पहले दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगाया था। कोर्ट ने भले ही पटाखों पर बैन लगाया हो लेकिन इसका कुछ खास असर देखने को नहीं मिला था। दिवाली के बाद पिछले साल के मुताबिक प्रदूषण में गिरावट जरुर आई थी लेकिन एयरक्वालिटी फिर भी खतरनाक कैटेगरी में थी।

दिल्ली के लोग कई दिनों तक भयानक विषैली हवाओं की चपेट में रहे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दिल्ली के हालातों को देखते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था। एसोसिएशन ने सरकार को एक पत्र लिखकर सभी तरह के आउटडोर एक्टिविटीज तथा स्कूलों में स्पोर्ट्स एक्टिविटीज को तत्काल रोकने का सुझाव भी दिया जिसके बाद कई दिनों के लिए स्कूलों में प्राथमिकी कक्षा के बच्चों की छुट्टी का ऐलान कर दिया गया था। लोगों का अपने घरों से बाहर निकलना दुश्वार हो गया था क्योंकि इस प्रदूषण भरी धुंध के कारण उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कते आ रही थीं। इतना ही नहीं यह धुंध आंखों को भी जला रही थी।

 

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