दुष्कर्म की गलत शिकायत दर्ज कराने पर महिला समेत चार गिरफ्तार

दुष्कर्म की गलत शिकायत दर्ज कराने पर कड़ी कार्रवाई करने का मामला सामने आया है। यह घटना उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के मिरानपुर कस्बे की है। सामूहिक दुष्कर्म की गलत शिकायत दर्ज कराने के आरोप में एक महिला और उसके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है। सर्किल पुलिस अधिकारी एसकेएस प्रताप के अनुसार महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया कि 29 नवंबर को मिरानपुर बस स्टैंड पर लिफ्ट देने के बाद तीन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच के बाद पता लगा कि शिकायत गलत थी। उन्होंने बताया कि बाद में महिला और उसके तीन सहयोगियों के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूछताछ के दौरान महिला ने पुलिस को बताया कि दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराने के लिए उसे तीन अन्य आरोपियों ने 20 हजार रुपये दिए थे। जिन लोगों के खिलाफ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई गई थी, उससे आरोपियों की पुरानी रंजिश थी।

दूसरी तरफ, दिल्ली की एक अदालत ने 13 साल की नाबालिग का अपहरण और उससे बलात्कार के मामले में एक शख्स को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी के एक अन्य सहयोगी को दस साल कारावास की सजा दी गई है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे अपराधों से सड़क पर महिलाएं और बच्चे असुरक्षित हो गए हैं। ऐसे में आजादी के साथ कहीं भी आने-जाने के उनके मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुरदीप सिंह ने पीडि़ता को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। अदालत ने दोषियों गौरव और हरीश से बराबर-बराबर राशि लेकर मुआवजे की रकम का भुगतान करने का निर्देश दिया है। दिल्ली महिला आयोग की वकील शबनम खान ने कहा कि दिल्ली पीडि़ता मुआवजा योजना, 2015 के तहत नाबालिग को ज्यादा मुआवजा दिया जाए, क्योंकि इससे उसकी जिंदगी पर हमेशा के लिए जख्म रह गया है । नाबालिग की मां की शिकायत के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने 9 फरवरी 2012 को उनकी बेटी का अपहरण कर उससे दुष्कर्म किया था।

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