बिहार: एक ही परिवार के तीन महादलितों की हत्या में अब तक सुराग नहीं, चश्मदीद पर भी हमले की आशंका
भागलपुर के झंडापुर गांव के एक महादलित परिवार के तीन लोगों की हत्या के बाद यह परिवार खौफ के साये में जी रहा है। इस हत्या के इकलौते चश्मदीद बिंदी कुमारी पर हमला होने की आशंका के बाद उसकी हिफाजत का पुख्ता इंतजाम किया गया है। उसका इलाज पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा है। राजनैतिक दलों के नेताओं का लगातार पीड़ितों के घर आने जाने का तांता लगा है। सभी हत्यारों की फौरन गिरफ्तारी की मांग लेकर धरना, प्रदर्शन, बाजार बंद करवा रहे हैं। वाकए के एक हफ्ता बाद भी पुलिस किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। पुलिस की उम्मीद जख्मी बिंदी पर टिकी है, पुलिस को उसके होश में आने का इंतजार है। दिलचस्प बात कि पीड़ित परिवार के महादलित होने की वजह से सुशासन बाबू अपनों के ही निशाने पर आ गए है। भागलपुर रेंज के डीआईजी विकास वैभव खुद घटना में जख्मी बिंदी की सुरक्षा इंतजाम का जायजा लेने भागलपुर से पटना शुक्रवार को गए। डीआईजी के मुताबिक डाक्टरों ने बिंदी की सेहत में सुधार होने की बात कही है। बिंद की सुरक्षा के लिए नवगछिया के अलावा पटना पुलिस के सशस्त्र जवानों को भी तैनात किया गया है।
बता दें कि बीते रविवार को तड़के ज़िले के थाना झंडापुर हरिजन टोला के गायत्री राम उर्फ कनिक राम (50), इसकी पत्नी मीना कुमारी (45) , बेटा छोटू (10) और बेटी बिंदी कुमारी (17) पर जानलेवा हमला कर दिया था। इन सब पर धारदार औजार से नृशंस तरीके से हमलावरों ने हमला किया। गायत्री राम की आंखें निकाल ली। उनके नाबालिग बेटे का गुप्तांग काट दिया। बिंदी भी अचेत हालत में निर्वस्त्र पड़ी थी। सभी लहूलुहान थे। घटना में गायत्री और इसकी पत्नी की तो मौके पर ही मौत हो गई थी। छोटू की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई। बिंदी को एक हफ्ते बाद भी होश नहीं आया है। पुलिस ने इस सिलसिले में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आईजी, डीआईजी, एसपी समेत सभी माथापच्ची कर रहे हैं। पर एक हफ्ता गुजर जाने के बाद भी न हत्यारे पकड़े जा सके हैं और न ही हत्या की वजह सामने आ सकी है। पुलिस के साथ दिक्कत यह है कि पड़ोसियों ने भी चुप्पी साध रखी है। कोई मुंह खोलने तैयार नहीं है। इस दौरान शुक्रवार को माकपा नेत्री वृंदा करात जख्मी बिंदी कुमारी को देखने PMCH पहुंची। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। माले ने 29 को नवगछिया और 30 नवंबर को भागलपुर बंद भी करवाया।
राजद के भागलपुर सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने भी पीड़ित के घर जाकर दिलासा दिया। साथ ही राजद प्रदेश इकाई ने जांच दल गठित किया है। जद (एकी) के नेता व पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी भी पहुंचे, और दलितों पर बिहार में हो रहे जुल्म के खिलाफ अपनी ही सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ खुलकर बोले। भाजपा के भागलपुर के पूर्व सांसद सैयद शाहनबाज हुसैन भी पीड़ित परिवार से मिले। बिहपुर के पूर्व विधायक भाजपा नेता शैलेन्द्र कुमार तो पीड़ित परिवार को न्याय की मांग को लेकर आमरण अनशन पर ही बैठ गए। दो रोज के अनशन के बाद नवगछिया के एसडीओ ने भरोसा देकर अनशन खत्म कराया। इसी तरह नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। पर सरकार की तरफ से कोई मंत्री या मुख्यमंत्री का नुमाइंदा अभी तक नहीं आया है।