मोदी को चीन की सलाह BRICKS में मत कीजिए पाकिस्तानी आतंकवाद की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देशों की सालाना बैठक में शामिल होने के लिए चीन जाने से पहले पड़ोसी देश ने इशारों में पाकिस्तान द्वारा आंतकवाद को बढ़ावा देने का मुद्दा न उठाने की सलाह इशारों-इशारों में दी है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने गुरुवार (31 अगस्त) को मीडिया से कहा, “हमने ध्यान दिया है कि भारत की पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक कार्यक्रम को लेकर कुछ चिंताएं हैं। हमें नहीं लगता कि ब्रिक्स बैठक में चर्चा करने के लिए ये उचित विषय है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में तीन से पांच सितंबर तक होने वाली इस बैठक में शामिल होने वाले हैं। पीएम मोदी ने पिछले साल गोवा में हुई ब्रिक्स बैठक में पाकिस्तान को आतंकवाद का जनक बताया था।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ये भी संकेत दिया कि ब्रिक्स देशों की बैठक में भारत द्वारा पाकिस्तान का मुद्दा उठाने से सम्मेलन विफल हो सकता है क्योंकि पाकिस्तान पर सवाल उठाए जाने पर उसका दोस्त चीन बचाव में उतर आएगा। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि पूरी दुनिया कि निगाह इस बैठक पर है और इसमें शामिल सभी पक्षों को इसकी सफलता सुनिश्चित करनी चाहिए। ब्रिक्स सम्मेलन तीन सितंबर को चीन के शियामेन में शुरू होगा। हुआ ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में बढ़-चढ़ कर योगदान दे रहा है और उसने इसकी कीमत भी चुकायी है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के योगदान को स्वीकार करना चाहिए। हुआ ने कहा कि इसी से सभी संबंधित पक्षों का हित होगा।

भारत और चीन के बीज जून से ही सिक्किम स्थिति दोनों देशों की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवाद जारी था जो अगस्त आखिरी हफ्ते में जाकर सुलझा। चीन भूटान के डोकलाम इलाके में सड़क बना रहा था जिसे भारतीय सैनिकों ने रुकवा दिया था। दोनों देशों के बीच इसे लेकर लंबी तनातनी रही। इस दौरान चीन ने कई बार परोक्ष रूप से युद्ध की भी धमकी दी। हालांकि आखिरकार चीन सड़क निर्माण रोकने पर राजी हो गया। दोनों देशों ने विवादित इलाके से अपने सैनिक भी हटा लिए हैं।

 

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