राष्ट्रधर्म निभाने से खत्म हो सकता है आतंकवाद और नक्सलवाद: योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार कहा कि अगर देश का हर नागरिक ‘राष्ट्रधर्म’ के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाना शुरू कर दे, तो देश से आतंकवाद, नक्सलवाद और अलगाववाद का खात्मा हो सकता है। योगी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के स्थापना सप्ताह के उद्घाटन पर कहा कि मर्हिष अरविंद ने एक बात कही थी कि हमारी आस्था अपनी हो सकती है, उपासना विधि अलग-अलग हो सकती है, हमारी जाति, मत और मजहब अलग हो सकते हैं, मगर हम सबको अपने जीवन में किसी एक धर्म के लिए खुद को सर्मिपत करना होगा, जिसमें किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं हो सकता है, वह है ‘राष्ट्रधर्म’।

उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रधर्म के प्रति अगर इस देश का प्रत्येक नागरिक अपने दायित्वों का निर्वहन शुरू कर दे तो देश से आतंकवाद, नक्सलवाद, अलगाववाद, जातिवाद तथा क्षेत्रवाद का समाधान हो सकता है। साथ ही समाज को भ्रष्टाचार से भी मुक्ति मिल सकती है।’ गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्य नाथ ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए तकनीक महत्वपूर्ण है, लेकिन अगर तकनीक अनुशासनहीन लोगों के हाथों में पड़ जाए, तो वह बरबादी की नई कहानी लिखती है। जैसे इस वक्त उत्तर कोरिया के एक सनकी शासक के हाथों में परमाणु हथियार आ गए हैं, तो उसने दुनिया के लिए संकट खड़ा कर दिया है, यह किसी से छुपा नहीं है। तकनीक के लिए अनुशासन आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि लोककल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए गठित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के तहत शिक्षण संस्थाओं की स्थापना की गई है। इन शिक्षण संस्थाओं को केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं रखना है, बल्कि खुद को समाज और राष्ट्र से जुड़ी समस्याओं के साथ जोड़ना होगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मौके पर कहा कि गोरक्षपीठ ने देश की आजादी से लेकर संस्कृति के क्षेत्र में देश की मान मर्यादा की रक्षा के लिए अपने लंबे काल में ऐतिहासिक कार्य किए हैं।

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