राहुल गांधी ने बीजेपी से मांगी माफी, लिखा- मैं नरेंद्रभाई की तरह नहीं हूं

महंगाई के गलत आंकड़ों वाले ट्वीट को लेकर अब राहुल गांधी ने बीजेपी से माफी मांग ली है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से ही बीजेपी से माफी मांगते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा है। राहुल गांधी ने खुद को पीएम मोदी से अलग बताते हुए इंसान कहा है, साथ ही गलतियां बताने के लिए बीजेपी को धन्यवाद भी कहा है। उन्होंने लिखा, ‘मेरे सभी बीजेपी के दोस्तों, मैं नरेंद्रभाई की तरह नहीं हूं, मैं एक इंसान हूं। हमसे गलती होती है, छोटी-छोटी गलतियां करते हैं और यही हमारी जिंदगी को इंटरेस्टिंग बनाती हैं। मेरी मिस्टेक बताने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और मेरी रैलियों में आते रहिए, अच्छा करने में मेरी मदद करते रहिए। सभी को मेरा प्यार।’ राहुल गांधी के ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं देते हुए उनको सच्चा नेता बताया है तो किसी ने उनके गलत ट्वीट पर सवाल खड़ा करते हुए उनकी बाकी मिस्टेक्स बताई हैं।

Office of RG

@OfficeOfRG

For all my BJP friends: unlike Narendrabhai, I am human. We do make the odd mistake and that’s what makes life interesting. Thanks for pointing it out and please do keep it coming, it really helps me improve. Love you all.

Replying to @whsitleblower @OfficeOfRG

Look at the following diagram and guess the name of the machine and its founder (5 marks)

दरअसल राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए महंगाई के आंकड़े पेश किए थे और बीजेपी पर निशाना साधा था। उन्होंने गुजरात के हालात को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ कुछ सवाल उठाए थे। इन सवालों में राहुल के आंकड़ों में बड़ी गड़बड़ थी। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा कि पहले आप अपना ज्ञान बढ़ाइए। लगता है आपने ट्वीट करने से पहले होमवर्क ठीक तरीके से नहीं किया है। महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार को कटघरे में लाने वाले राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ’22 सालों का हिसाब #गुजरात_मांगे_जवाब। प्रधानमंत्रीजी-7वां सवाल।’ इसके नीचे उन्होंने शायरा अंदाज में बीजेपी सरकार पर तंज कसना शुरू कर दिया।

राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ एक ग्रैफिक्स का प्रयोग किया गया था। जिसमें साल दर साल बढ़ती मंहगाई के आकड़ों को दिखाया गया। लेकिन इन आकड़ों में चीजों के बढ़ते दामों को लेकर जो प्रतिशत दिखाया गया था वो रियल के मुकाबले काफी ज्यादा थे। उदाहरण के तौर पर अगर ग्रैफिक्स में सिलिंडर की कीमत 2014 में 414 रुपए बताई गई, जो 2017 तक बढ़ते हुए 742 रुपए हो गई है। अगर प्रतिशत की बात करें तो पुरानी कीमत और नए दाम में 79 प्रतिशत का फर्क था, लेकिन ग्रैफिक्स में इसे 179 प्रतिशत दिखाया गया था। इसी तरह दूसरी चीजों की कीमतों में भी ऐसा ही था।

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