मोदी सरकार का फैसला: दलित से विवाह पर सरकारी मदद में आय की सीमा खत्‍म

नरेंद्र मोदी की सरकार ने दलितों से अंतरजातीय विवाह करने के मामले में महत्‍वपूर्ण फैसला लिया है। दलितों से शादी करने पर मिलने वाली आर्थिक मदद की राह में रोड़ा बन रही आय सीमा को खत्‍म करने का फैसला लिया गया है। डॉक्‍टर अंबेडकर योजना के तहत दूल्‍हा या दुल्‍हन के दलित होने की स्थिति में ढाई लाख रुपये की आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। मौजूदा प्रावधान के तहत मदद हासिल करने के लिए आय की अधिकतम सीमा सालाना पांच लाख रुपये निर्धारित की गई थी। केंद्र सरकार ने इसे खत्‍म कर दिया है।

सामाजिक एकता को बढ़ावा देने के प्रयास के तहत वर्ष 2013 में अंबेडकर योजना शुरू की गई थी। इसके तहत एक साल में अंतरजातीय शादी करने वाले 500 दंपतियों को आर्थिक मदद मुहैया कराने का लक्ष्‍य रखा गया था। लेकिन, पांच लाख रुपये की आय सीमा तय करने के कारण मुश्किलें सामने आ रही थीं। सरकार ने अब इस बाध्‍यता को खत्‍म कर दिया है। ऐसे में अब इस तरह से शादी करने वाले प्रत्‍येक दंपति आर्थिक मदद पाने के हकदार होंगे। गौरतलब है कि यह सुविधा पहली बार शादी करने वालों के लिए ही उपलब्‍ध है। साथ ही आर्थिक मदद पाने की चाहत रखने वाले दंपतियों के लिए हिंदू विवाह कानून के तहत शादी का पंजीकरण कराना भी अनिवार्य है। इसके अलावा मदद हासिल करने के लिए शादी के एक साल के अंदर आवेदन करना जरूरी है

सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने हाल में ही सभी राज्‍यों को आय सीमा में बदलाव की जानकारी दी है। मंत्रालय ने स्‍पष्‍ट किया कि बदले प्रावधानों के तहत मौद्रिक सहायता हासिल करने के लिए आय की कोई सीमा नहीं है। ऐसे कपल को आधार नंबर और आधार से जुड़ा ज्‍वाइंट बैंक अकाउंट मुहैया कराना होगा। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कई राज्‍यों में इस तरह की योजनाएं चल रही हैं जहां आय की सीमा नहीं रखी गई है। ऐसे में केंद्र ने भी इसे खत्‍म करने का फैसला लिया है। वर्ष 2014-15 में पांच, 2015-16 में 72 और 2016-17 में 45 दंपति को इस योजना के तहत लाभ दिया गया। इस साल अब तक 74 दंपतियों के आवेदन को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *