गुजरात चुनाव: कांग्रेसी उम्मीदवार को नहीं मिला कोई पोलिंग एजेंट, पहुंचा हाईकोर्ट
गुजरात चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों तरफ से राजनीतिक हमले जारी हैं। इस बीच राजकोट के गोंडल विधान सभा क्षेत्र से कांग्रेस पत्याशी अर्जुन खटारिया ने आरोप लगाया है कि बीजेपी नेता और पूर्व विधायक जय राज सिंह जडेजा के खौफ से उन्हें कोई पोलिंग एजेंट नहीं मिल पा रहा है। खटारिया का मुकाबला जडेजा की पत्नी से है, जिसे बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि जडेजा इस विधान सभा सीट से बीजेपी के विधायक रहे हैं लेकिन मर्डर केस में दोषी होने की वजह से वो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। गुजरात हाईकोर्ट ने इसी साल अगस्त में जडेजा का आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जडेजा को यह सजा 13 साल पुराने हत्या के मामले में सुनाई गई थी।
गुजरात हाईकोर्ट ने पिछले ही हफ्ते (2 दिसंबर) को जय राज सिंह जडेजा को राज्य में प्रवेश करने और पत्नी का चुनाव प्रचार करने की इजाजत दी थी। उनकी पत्नी गीताबा जडेजा उनकी जगह गोंडल से बीजेपी की उम्मीदवार हैं। इधर, कांग्रेसी प्रत्याशी का आरोप है कि जडेजा हत्या के दोषी हैं, इसलिए स्थानीय लोग उससे डरते हैं। इसी खौफ की वजह से कोई भी शख्स उसका पोलिंग एजेंट बनने को तैयार नहीं है। इस शिकायत पर कांग्रेसी उम्मीदवार अर्जुन खटारिया ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी याचिका पर कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस भेजा है।
कुछ दिनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जडेजा को जमानत इस शर्त पर दी थी कि वो राज्य में प्रवेश नहीं करेंगे जबतक कि उनकी अपील पर फैसला नहीं हो जाता। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर इस फैसले से वो राहत चाहते हैं तो हाईकोर्ट जा सकते हैं। इसके बाद जडेजा ने पत्नी का चुनाव प्रचार का हवाला देकर इस फैसले से राहत की रहम मांगी। इसके बाद हाई कोर्ट ने उसे 17 दिसंबर तक गुजरात में रहने और पत्नी का चुनाव प्रचार करने की इजाजत दी।
जयराज सिंह जाडेजा तीन बार गोंडल से बीजेपी विधायक रहे हैं। 2004 के इस मर्डर केस में जयराज सिंह जाडेजा के साथ 14 और लोगों का नाम शामिल था। यह विवाद किसी जमीन को लेकर था जिसके लिए क्षत्रिय और पटेल नेता आपस में भिड़ गए थे। इसमें गोली चली और नीलेश रायानी नाम के रीयल एस्टेट एजेंट की मौत हो गई। जडेजा और बाकी लोगों पर गोली चलाने का आरोप था। साल 2010 में जडेजा समेत बाकी 13 लोगों को राजकोट सेशंस कोर्ट ने छोड़ दिया था। बीजेपी विधायक को आरोप मुक्त करने को गुजरात हाई कोर्ट में चैलेंज किया गया था जिस पर फैसला इसी साल अगस्त में आया और जडेजा को उम्रकैद हुई।