उत्तराखंड: सवर्ण जाति के डर से दलितों ने छोड़ा गांव, ब्लॉक मुख्यालय में ली शरण

उत्तराखंड के टिहरी जिले में एक दूरस्थ गांव गंगी में दो गुटों के बीच हुए संघर्ष के बाद एक दलित युवक गायब हो गया जिससे घबराकर दहशत में आए 30 दलितों ने घर छोड़ दिया और ब्लाक मुख्यालय में शरण ले ली। घनसाली के पुलिस थानाध्यक्ष मुहम्मद अकरम ने बताया, “हाल में एक मामूली बात पर दो गुटों में हुए संघर्ष के बाद महिलाओं और बच्चों समेत गंगी गांव के करीब 30 दलितों ने अपनी जान को खतरा बताते हुए भिलंगना ब्लॉक मुख्यालय में शरण ले रखी है। ये लोग संघर्ष के बाद गायब हुए युवक की तलाश और आरोपियों के पकड़े जाने तक गांव वापस लौटने को तैयार नहीं हैं।”
गंगी गांव में सवर्ण जाति के लोगों का वर्चस्व है और दलितों की संख्या कम है। घटना का विस्तृत विवरण देते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक दिसंबर को एक सवर्ण जाति के परिवार के विवाह समारोह में ऐन वक्त पर राकेश नाम का दलित युवक ढोल बजाने नहीं पहुंचा। सवर्ण जाति के परिवार के एक सदस्य द्वारा इस संबंध में एक दिन बाद दर्ज कराई गई रिपोर्ट के मुताबिक, दूल्हे की मां जब इस संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए राकेश के घर पहुंची तो दलित युवक ने वायदे के बावजूद उसके पुत्र की शादी में ढोल बजाने से साफ इंकार कर दिया। दूल्हे की मां द्वारा जिद किए जाने पर राकेश ने उसे कथित रूप से धक्का देकर घर से बाहर निकाल दिया।
राकेश के पिता सोहन लाल तथा एक अन्य दलित अमर लाल ने भी पुलिस थाने में तीन दिसंबर की रात से राकेश के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई है। थानाध्यक्ष ने बताया कि दलितों ने सर्वण जाति के परिवार पर उनसे मारपीट करने और उनके घर में घुसकर उपद्रव मचाने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि सवर्ण परिवार के सदस्यों को इस संबंध में पुलिस द्वारा बुलाया गया है लेकिन उन्होंने शादी से जुड़ी सभी रस्मों के समाप्त होने के बाद थाने में आने का भरोसा दिलाया है।
इसी बीच, लापता दलित युवक को ढूंढने के प्रयास भी जारी हैं। टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि घनसाली के उपजिलाधिकारी को घटना के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दे दिए गए हैं और इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।