यौन शोषण के खिलाफ चुप्पी तोड़ने वाली सारी महिलाएं बनीं टाइम पर्सन ऑफ द ईयर 2017
अमेरिका की प्रतिष्ठित ‘टाइम’ पत्रिका ने वर्ष 2017 के लिए ‘टाइम पर्सन ऑफ द ईयर’ की घोषणा कर दी है। इस बार टाइम पर्सन ऑफ द ईयर कोई एक व्यक्ति नहीं, बल्कि यौन शोषण और यौन हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली सभी महिलाएं बनी हैं। पत्रिका ने #Meetoo अभियान में हिस्सा लेने वालीं ‘साइलेंस ब्रेकर्स’ को पर्सन ऑफ द ईयर घोषित किया है। इसमें वे सबलोग शामिल हैं, जिन्होंने यौन हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई थी। पर्सन ऑफ द ईयर की सूची में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दूसरा और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को तीसरा स्थान प्रदान किया गया है।
टाइम पत्रिका ने बुधवार को ‘टूडे शो’ कार्यक्रम के दौरान पर्सन ऑफ द ईयर-2017 की घोषणा की। यौन हिंसा के खिलाफ सामने आने के अभियान के तहत हॉलीवुड दिग्गज हार्वी विनस्टीन के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार करने की बात सामने आई थी। अभिनेत्री एश्ली जुड ने विनस्टीन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। विनस्टीन उस वक्त (1997) में मीरामैक्स स्टूडियो के प्रमुख थे। इसके बाद यौन हिंसा के खिलाफ बोलने वालों की बाढ़ सी आ गई थी। देखते ही देखते इस अभियान ने वैश्विक रूप ले लिया था। #Meetoo अभियान में विभिन्न देश, धर्म, जाति और नस्ल की महिलाओं ने हिस्सा लिया और खुलकर अपनी बात लोगों के सामने रखी।
तराना बुर्के ने की थी शुरुआत: #Meetoo अभियान की शुरुआत तराना बुर्के ने वर्ष 2006 में की थी। उन्होंने यौन शोषण की शिकार रहीं महिलाओं को इस अपराध के खिलाफ एकजुट करने के उद्देश्य से इस मूवमेंट की शुरुआत की थी। इसे सुर्खियों में लाने का श्रेय अमेरिकी अभिनेत्री एलिसा मिलानो को जाता है। उन्होंने ट्वीट किया था, ‘यदि आप यौन शोषण या हिंसा की शिकार रही हैं तो आप इस ट्वीट का जवाब ‘मी टू’ लिखकर दें।’ इसके बाद बड़ी तादाद में पीडि़त महिलाएं सामने आईं और इसके खिलाफ आवाज बुलंद की।