दो बार बदलना पड़ा था लालकृष्‍ण आडवाणी को गि‍रफ्तार करने का प्‍लान- लालू यादव ने बताया पूरा कि‍स्‍सा

बि‍हार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और राष्‍ट्रीय जनता दल के मौजूदा राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष लालू प्रसाद यादव ने लालकृष्‍ण आडवाणी की रथ यात्रा रोकने और उन्‍हें गि‍रफ्तार करने के बारे में दि‍लचस्‍प जानकारी साझा की है। उन्‍होंने बताया कि‍ आडवाणी को बि‍हार में घुसते ही गि‍रफ्तार करने की योजना लीक होने के कारण उन्‍हें इसे दो बार बदलना पड़ा था। आखि‍रकार आडवाणी को 23 अक्‍टूबर 1990 में बि‍हार के समस्‍तीपुर जि‍ले से गि‍रफ्तार कि‍या गया था। आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्‍या के लि‍ए रथ यात्रा नि‍काली थी। यात्रा के दूसरे चरण में रथ को बि‍हार से होकर जाना था। उस वक्‍त लालू यादव बि‍हार के मुख्‍यमंत्री थे।

समाचार चैनल एनडीटीवी को लालू यादव ने हाई्प्रोफाइल गि‍रफ्तारी के बारे में वि‍स्‍तार से जानकारी दी है। उन्‍होंने बताया कि‍ देश की रक्षा और भारतीय संवि‍धान को बनाए रखने के लि‍ए लालकृष्‍ण आडवाणी को गि‍रफ्तार कि‍या गया था। राजद अध्‍यक्ष के अनुसार, वह इस बात को लेकर दृढ़ थे कि‍ आडवाणी को अयोध्‍या नहीं जाने देंगे, लेकि‍न इसको लेकर बहुत भ्रम की स्‍थि‍ति‍ थी, क्‍योंकि‍ दि‍ल्‍ली में इसको लेकर गहन वि‍चार-वि‍मर्श चल रहा था। लालू ने कहा, ‘आडवाणी धनबाद से यात्रा शुरू करने वाले थे, ऐसे में मैंने भी कुछ योजनाएं बनाई थीं। मूल योजना उन्‍हें सासाराम के करीब गि‍रफ्तार करने की थी जब हावड़ा-राजधानी उत्‍तर प्रदेश से बि‍हार की सीमा में प्रवेश करती। रोहतास के तत्‍कालीन डीएम मनाेज श्रीवास्‍तव ने रेलवे अधि‍कारि‍यों को इसके लि‍ए तैयार भी कर लि‍या था। लेकि‍न, योजना के लीक होने के कारण उसे बदलना पड़ा था। उस वक्‍त मोबाइल सुवि‍धा नहीं थी, इसलि‍ए श्रीवास्‍तव तक इसकी सूचना पहुंचाने में काफी दि‍क्‍क्‍त हुई थी। इसके बाद उन्‍हें धनबाद में गि‍रफ्तार करने पर वि‍चार कि‍या गया था, लेकि‍न अफसरों के बीच इसको लेकर भ्रम की स्‍थि‍ति‍ बनने के कारण उसे भी त्‍यागना पड़ा था।’

लालू ने पत्रकार गोनू झा बनकर कि‍या था फोन: लालू ने बताया कि‍ तब आडवाणी को समस्‍तीपुर में हि‍रासत में लेने की योजना बनाई गई थी। आडवाणी पटना होते हुए समस्‍तीपुर पहुंचे थे। राजद अध्‍यक्ष ने बताया कि‍ आडवाणी सर्किट हाउस में रुके थे। उन्‍होंने कहा, ‘मैंने अधि‍कारि‍यों को आदेश दि‍या कि‍ आडवाणी को कहीं भी न जाने दि‍या जाए। उनके साथ मौजूदा केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह और तत्‍कालीन डीआइजी रामेश्‍वर उरांव थे। मैंने देर रात तकरीबन दो बजे सर्किट हाउस में पत्रकार बनकर फोन कि‍या और अपना नाम गोनू झा बताया था। फोन उठाने वाले ने आडवाणी के सोने और सभी समर्थकों के जाने की जानकारी दी थी। उसके बाद मैंने अधि‍कारि‍यों को उन्‍हें गि‍रफ्तार करने का आदेश दि‍या। इसके बाद आडवाणी और अशोक सि‍ंघल को गि‍रफतार कर लि‍या गया था।’ उन्‍हें मसानजोर, दुमका भेजा गया था।

‘द हि‍न्‍दुस्‍तान टाइम्‍स’ से बात करते हुए लालू के गृह सचि‍व रहे अफजल अमानुल्‍ला ने बताया था कि‍ आडवाणी को गिरफ्तार करने से पहले लालू बेहद बेचैन थे। हालांकि‍, राजद ने उनके इस बयान का खंडन कि‍या था। मालूम हो कि‍ आडवाणी की गि‍रफ्तारी के साथ ही केंद्र में वीपी सि‍ंह की सरकार गि‍‍‍र गई थी, क्‍‍‍‍‍‍योंकि‍ भाजपा ने समर्थन वापस ले लि‍या था।

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