भागलपुर विश्वविद्यालय ने 133 गेस्ट टीचर्स को हटाया, 17 कर्मचारियों पर भी जल्द गिरेगी गाज

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने अपने 133 अतिथि व्याख्याताओं को हटा दिया है। 17 कर्मचारियों की भी सेवा समाप्त करने की प्रक्रिया जारी है। एक-दो दिन में इनको हटाने की भी अधिसूचना विश्वविद्यालय जारी कर देगा। विश्वविद्यालय सूत्रों के मुताबिक, ये बहालियां कुछ साल पहले प्रभार में रहे कुलपति प्रो. निलंबुज वर्मा के कार्यकाल के दौरान हुई थीं, जिसका उन्हें अधिकार नहीं था। दो दिन पहले सिंडिकेट की बैठक में भी इन व्याख्याताओं पर कार्रवाई करने का राजभवन पटना से आए पत्र को भी रखा गया था, जिस पर एकमत से कुलपति को इस मामले में फैसला और कार्रवाई करने का अधिकार सिंडिकेट ने सौंपा था।

गुरुवार को कुलपति प्रो.नलनीकांत झा ने 133 शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का आदेश दिया। इसेक साथ ही स्थाई किए गए 17 कर्मचारियों को भी हटाने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा। कहा जा रहा है कि पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. वर्मा ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर और नियमों की अनदेखी करते हुए कई फैसले लिए और मनमानी तरीके से बहालियां कीं। उन्होंने करार पर बहाल हुए कई कर्मचारियों को नियमित कर दिया। इसके अलावा तीन कॉलेजों को दो साल के लिए संबद्धन भी दे दिया। उनके इन सब कारनामों की लिखित जानकारी राज्यपाल को दी गई है।

राजभवन को इस बात की जानकारी मिलते ही जांच के लिए तत्काल जज अखिलेश चंद्रा के नेतृत्व में समिति गठित की गई। समिति ने अपनी रिपोर्ट में प्रभारी कुलपति प्रो.वर्मा के कामों को गलत बताया। इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर कुलाधिपति ने कुलपति को कार्रवाई के लिए अधिकृत किया। इसेक साथ ही कार्रवाई कर राजभवन को सूचित करने की हिदायत दी थी। बहरहाल, प्रभारी कुलपति प्रो. वर्मा और तत्कालीन कुलसचिव पर भी कार्रवाई के बिंदु तय होंगे? इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन चुप है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *