सर्जिकल स्ट्राइक के सवा साल बाद सैन्य अफसर ने खोले राज- 10 दिन में ऐसे की थी तैयारी

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में पिछले साल भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल रहे पैराट्रूपर ने आज उस साहसिक कार्रवाई को विशेष बलों के लिये बड़े पैमाने पर किया गया “केवल एक और अभियान” बताया। विशेष बल की चौथी इकाई में कैप्टन स्तर के अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को संदेश देने के लिये यह स्ट्राइक “सुगठित एवं योजनाबद्ध” थी। उन्हें लगता है कि भारतीय सेना इसे जितने अच्छे तरीके से कर सकती थी, उतने अच्छे तरीके से किया।

बता दें कि भारत ने 28 और 29 सितंबर 2016 की आधी रात को नियंत्रण रेखा के पार जाकर पाक अधिकृत कश्मीर में सात आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। यह सेना की उन आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई थी, जो नियंत्रण रेखा के रास्ते भारत में घुसपैठ करने की तैयारी कर रहे थे। यह स्ट्राइक जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में सैन्य शिविर पर पाकिस्तानी आतंकियों के हमले के दो सप्ताह के दौरान की गयी थी। इस आतंकी हमले में 19 जवानों की मौत हो गयी थी।

अधिकारी ने देश के पहले “सैन्य साहित्य” समारोह में अपने अनुभवों को साझा करते हुये कहा कि उनकी यूनिट के पास इस सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने और इसे अंजाम देने के लिये केवल 10 दिन का समय था। अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “यह बड़े पैमाने पर किया गया अभियान था। एक बार जब हमसे इस पर आगे बढ़ने के लिये कहा गया, तब हम सामान्य तैयारियों के साथ आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि बहुत स्पष्ट है कि यह हमारे लिये केवल एक अन्य अभियान भर था, जिसमें ताकत अधिक थी और अन्य अभियानों के मुकाबले हमने कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाया।”

उन्होंने कहा, “अभियान में इस कदर गोपनीयता रखी गयी थी कि आसपास की इकाइयों को भी इसके बारे में जानकारी नहीं थी।” उन्होंने बताया, “हमने अपनी आसपास की इकाइयों को भी इसके बारे में नहीं बताया था। इस तरह के अभियानो में अचानक धावा बोलना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। आप जब वहां पहुंचें तो चुपचाप बैठकर सही समय का इंतजार करें। हमारे सामने तीन लक्ष्य थे। इसमें से चौथी इकाई के पैराट्रूप ने उनमें से दो को लक्षित किया और नौवें पैराट्रूप ने तीसरे पर निशाना साधा।”

 

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