रोज निगलिए तुलसी की पांच पत्तियां, दिमाग हो जाएगा तेज, ये फायदे भी जरूर जानें
तुलसी भारतीय परंपरा में पूजा के योग्य मानी जाती है। हिंदू संस्कृति में लक्ष्मी का अवतार मानी जाने वाली तुलसी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में सबसे ज्यादा प्रभावशाली औषधि के रूप में जानी जाती है। कैंसर और ऐसी अनेक लाइलाज बीमारियों में तुलसी चमत्कारिक रूप से फायदा पहुंचाती है। आज सिर, कान, मुंह और पेट की सामान्य समस्याओं में तुलसी के इस्तेमाल के तरीकों के बारे में आपको बताने वाले हैं।
मुंह की बीमारियों में – दांत दर्द में काली मिर्च और तुलसी के पत्तों की गोली बनाकर दातों के नीचे रखने से बहुत आराम मिलता है। वहीं तुलसी के रस को गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से गले की बीमारियां दूर हो जाती हैं। मुंह, दांत और गले के दर्द को दूर करने के लिए तुलसी के रस वाले पानी में हल्दी और सेंधा नमक मिलाकर कुल्ला करें।
पेट की बीमारी में – अगर आपको उल्टी आ रही हो तो 10 मिली तुलसी के पत्तों के रस में इतनी ही मात्रा में अदरक का रस मिलाकर उसमें 500 मिलीग्राम इलायची का चूरन मिलाएं। इसके सेवन से उल्टी में आराम मिलता है। तुलसी के पत्ते का रस दिन में तीन बार पीने से भूख बढ़ती है। साथ ही साथ 2 ग्राम तुलसी की मंजरी को पीसकर काले नमक के साथ दिन में तीन-चार बार लेने से पेट दर्द में बहुत आराम मिलता है।
कान की बीमारी में – तुलसी के पत्तों के रस को हल्का गर्म कर लें। अब दो-दो बूंद कान में टपकाएं। इससे कान का दर्द दूर होता है। कान के पीछे की सूजन को ठीक करने के लिए तुलसी के पत्ते, अरंड की कोपलें और चुटकी भर नमक को पीसकर उसका गुनगुना लेप लगाएं। इससे कान के पीछे की सूजन खत्म हो जाती है।
सिर की बीमारियों में – तुलसी की पांच पत्तियां रोज पानी के साथ निगलने से दिमाग की क्षमता बढ़ती है। इसके तेल की एक-दो बूंद नाक में टपकाने से पुराना सिरदर्द दूर हो जाता है। इसके अलावा अगर आपके सिर में जुए हैं तो तुलसी के तेल को रोजाना बालों में लगाइए। इसके अलावा तुलसी का तेल रोज चेहरे पर मलने से उसकी चमक बढ़ती है।