मुआवजा न मिलने के सदमे से किसान की मौत

बैंक का कर्ज उतारने के लिए रेलवे लाइन दोहरी करण में अधिग्रहण भूमि का मुआवजा लेने के लिए तीन दिन से चक्कर काटने के बाद मायूस हुए किसान की सदमे से मौत हो गई। किसान की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। आरोप है कि कर्ज माफी न होने पर किसान अधिक परेशान हो गया था। मृतक के चाचा रिटायर फौजी नत्थू सिंह ने बताया कि मृतक किसान पर चार बीघा जमीन है। सालों पूर्व रेलवे लाइन दोहरीकरण के लिए करीब 300 मीटर जमीन सरकार ने अधिकग्रहण की थी। जिसका मुआवजा किसान को नहीं मिला। जमीन के मुआवजे को लेकर किसान मुजफ्फरनगर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा था। किसान की मौत की खबर मिलने पर पहुंचे भाकियू जिलाध्यक्ष ने अधिकारियों को मामले से अवगत कराते हुए परिजनों को भरोसा दिया।
मढ़करीपुर के किसान मूलचन्द (37) पुत्र मनासिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सालों पूर्व रेलवे लाइन दोहरी करण के लिए करीब 300 मीटर जमीन सरकार ने अधिकग्रहण की थी। जिसका मुआवजा किसान को नहीं मिला।

जमीन के मुआवजे को लेकर किसान मुजफ्फरनगर अधिकारियों के चक्कर लगा रहा था। बताया कि मृतक किसान ने भूमि विकास बैंक से करीब सात साल पूर्व 50 हजार का कर्ज लिया था। पिछले सात सालों में किसानों का सरकार ने दो बार कर्ज माफ किया। लेकिन किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ। कर्ज बढ़कर एक लाख से अधिक हो गया। कर्ज चुकाने के लिए बैंक ने किसान पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। खतौली के एस डीएम राम अवतार गुप्ता ने बताया कि किसान की मौत का मामला संज्ञान में नहीं आया है। भूमि विकास बैंक वाले कर्जदाता से खुद ही वसूल कराते है। लेखपाल को भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी। सरकार से जो संभव मदद होगी किसान के परिवार को कराई जाएगी।

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