J&K पर इस्लामिक स्टेट की गंदी नजर, कश्मीरियों से अपील- सेना के जवानों के काटो सिर
खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने कश्मीरियों को भड़काने के लिए अपनी मैगजीन में एक आर्टिकल लिखा है। टीओआई के मुताबिक रुमैया नाम की मैगजीन में कश्मीरी मुसलमानों से कहा गया है कि वह खलीफा के तहत अपनी लड़ाई फिर से शुरू करें और बीच में आने वाली भारत और पाकिस्तानी सेनाओं के सिर कलम कर दें। यह आर्टिकल असल में उर्दू भाषा में प्रकाशित हुआ है, लेकिन कश्मीर के आईएस समर्थित मीडिया समूह ‘अल करार’ ने एक टेलीग्राम पोस्ट में 1 दिसंबर को कश्मीरी मुसलमानों से कहा कि वह रॉ और आईएसआई के जासूसों द्वारा बेवकूफ न बनें। आर्टिकल में कहा गया कि दोनों एजेंसियों के जासूसों को मार डालें। SITE इंटेलिजेंस ग्रुप की वेबसाइट पर अपलोड हुई इस पोस्ट में आर्टिकल के हवाले से कहा गया कि अगर उनके नाम मुस्लिम नामों से मिलते हैं, तो वह धर्म को त्याग चुके हैं। इससे पहले कि भेड़ की खाल में छिपे ये भेड़िए आप पर हमला करें, उनके सिर उड़ा दो। आर्टिकल में प्रजातंत्र को अस्वीकार और आईएस लीडर अबू बकर अल-बगदादी के प्रति निष्ठा दिखाने को भी कहा गया है। इसके मुताबिक कश्मीरी लोगों के साथ भारत और पाकिस्तान दोनों को 1947 से ही धोखाधड़ी की है।
आपको बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2014 से केवल 100 भारतीयों ने इराक और सीरिया जाकर आईएस जॉइन किया है। टीओआई के अनुसार 50 भारतीय नागरिक अभी तक आईएस ज्वाइन करने के लिए भारत छोड़ चुके हैं। वहीं अन्य भारतीय मूल के 50 नागरिक अपना-अपना देश छोड़ इराक, सीरिया और अफगानिस्तान में जाकर इस्लामिक स्टेट से जुड़े हैं। एजेंसियों ने यह खुलासा आईएसआईएस को ऑनलाइन सर्च किए जाने को ट्रैक कर किया था। केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा आईएसआईएस को ऑनलाइन सर्च किया गया है।
आतंकी संगठन में सबसे ज्यादा जुड़ने के मामले केरल से सामने आए हैं, जहां पर इस्लामिक स्टेट ज्वाइन करने के लिए 21 युवा देश छोड़ चुके हैं। केरल छोड़कर जाने के बाद उन्होंने अफगानिस्तान के नानगरहड़ जाने के लिए गल्फ देशों और ईरान का सफर किया। जम्मू-कश्मीर के युवा भी इंटरनेट के जरिए आईएसआईएस से संबंधित जानकारियां जुटाने में लगे रहते हैं। राज्य के युवा भी इस्लामिक स्टेट के प्रति आकर्षित हो रहे हैं।