फारूक अब्दुल्ला की सलाह- उन्माद फैलाने और लोगों की भावनाओं का दुरुपयोग करने से बचें BJP-RSS

नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को उन्माद फैलाने और लोगों की भावनाओं का दुरुपयोग करने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि धार्मिक आधारों पर देश को बांटने का बढ़ता चलन राष्ट्र हित के लिए घातक है। अब्दुल्ला ने गुजरात विधानसभा चुनावों को धर्म के आधार पर बिगाड़े जाने पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि यह भारतीय राजनीति की सबसे दुखद गतिविधि है। सोमवार को जारी किए गए एक बयान में अब्दुल्ला ने भाजपा-संघ को चुनावों के दौरान उम्नाद पैदा करने और लोगों की भावनाओं का दुरुपयोग करने से बचने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर देश को बांटने का बढ़ता चलन राष्ट्र हित के लिए नुकसानदेह है और ऐसी प्रवृत्ति को किसी भी कीमत पर खत्म किया जाना चाहिए। अब्दुल्ला ने राजनीतिक उद्देश्यों को साधने के लिए मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दों पर लोगों को लड़ाई के लिए भड़काने के प्रयासों की निंदा की। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भारत किसी खास धर्म के लोगों का नहीं है, बल्कि यह कई रंगों के खूबसूरत फूलों का एक गुलदस्ता है। धर्मनिरपेक्ष देश में सभी धर्म को मानने वाले लोगों के पास समान अधिकार हैं।’’

उन्होंने कहा कि मौजूदा विद्वेषपूर्ण माहौल में नेशनल कान्फ्रेंस को धर्मनिरपेक्षता के ध्वज को ऊंचा रखने में चुनौतीपूर्ण भूमिका निभानी है। अब्दुल्ला ने राजनीतिक और चुनावी फायदों के लिए धार्मिक भावनाओं के दुरुपयोग की निंदा की और कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को बचाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बुराई को खत्म करने की पहल करनी चाहिए।

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