गुजरात चुनाव 2017: जब सोनिया से बात करते-करते रोने लगे थे मंदिर के पुजारी, राहुल गांधी ने सुनाया किस्‍सा

कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी ने पहले इंटरव्यू के लिए गुजराती चैनल को चुना। भावनात्मक चाशनी में डूबा यह इंटरव्यू कहीं गुजराती वोटर्स को कनेक्ट करने में मददगार न साबित हो, इससे डरी भाजपा ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा दिया। भाजपा ने एक नहीं बल्कि तीन-तीन शिकायतें आयोग से कीं, जिसके बाद हरकत में आए आयोग ने इंटरव्यू के प्रसारण पर रोक लगा दी है। अमेठी सांसद के तौर पर 2004 से सियासी पारी शुरू करने वाले राहुल गांधी ने शुरुआती दस बरस इंटरव्यू से दूरी बनाए रखी थी, मगर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अखबारों और टीवी चैनलों को इंटरव्यू देना शुरू किया।

उस वक्त मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बहन प्रियंका गांधी और जयराम रमेश के सुझाव पर राहुल ने इंटरव्यू देना शुरू किया था। उन्हें लगा था कि जनता तक अपनी बात पहुंचानने के लिए सिर्फ रैलियों, प्रेस कांफ्रेंस का सहारा लेने की जगह इंटरव्यू भी देना चाहिए। ताकि किसी को यह न लगे कि राहुल असहज करने वाले सवालों से डरते हैं। हालांकि 25 जनवरी 2014 को अर्नब गोस्वामी के साथ उनका इंटरव्यू सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ था। इस इंटरव्यू को लेकर कांग्रेस के विरोधियों ने उन्हें ट्रोल भी किया था। विपक्ष की ओर से कहा गया कि राहुल ने तर्क कमजोर रखे थे। अब जबकि राहुल ने यह ताजातरीन इंटरव्यू गुजरात चुनाव के आखिरी दौर के मतदान से एक दिन पहले दिया, तब भी विवाद शुरू हो गया है।

जब राहुल ने मां से कराई पुजारी की बात: गुजराती के लोकल जीएस टीवी चैनल को राहुल ने काफी भावनात्मक इंटरव्यू दिया। गुजरात में प्रचार के दौरान एक मंदिर में दर्शन-पूजन का वाकया सुनाते हुए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि पुजारी ने उन्हें एक शॉल देकर कहा कि इसे मेरी बेटी को दे देना। बकौल राहुल, “मुझे समझ में नहीं आया कि वे अपनी बेटी के लिए शॉल मुझे क्यों देना चाहते हैं। जब मैंने पुजारी से यह सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह शॉल मेरी बेटी सोनिया गांधी के लिए है। उन्हें यह शॉल देकर कहना कि जब वह अमेरिका जाएं तो इसे ओढ़कर जाएं।” राहुल ने कहा कि यह सुनकर वह भावुक हो उठे और उन्होंने तत्काल मां सोनिया को फोन लगाकर पुजारी से बात कराई। राहुल के मुताबिक पुजारी बातकर रोने लगे और उनकी आंखों में भी पानी आ गया।

‘मोदी करते हैं मेरी सबसे ज्यादा मदद’: नेहरू-गांधी परिवार पर विरोधियों के कमेंट को कैसे लेते हैं? इस सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, “कमेंट को मैं दो तरह से ले सकता हूं, एक तरीका है नफरत का कि मेरे पिता के बारे में ऐसा बोला तो नफरत करने लगूं और दूसरा तरीका है मोहब्बत का, यह जानते हुए भी कि मेरे बारे में बुरा बोल रहे हैं, राह में अड़चनें पैदा कर रहे हैं, मगर उससे मेरा निर्माण हो रहा है।” कांग्रेस और अपने ऊपर मोदी के हमलों पर राहुल ने कहा, “मेरी सबसे ज्यादा मदद मोदीजी करते हैं। मैं उनसे नफरत कैसे करूं। यह हमारा धर्म है। जब आपको कोई नफरत दे तो उसे प्यार दो।” राहुल ने कहा कि गांधी ने उनके परिवार को यह शिक्षा दी है कि नफरत करने वालों को भी प्यार बांटो।

राहुल ने कहा- गीता से लेता हूं प्रेरणा: इंटरव्यू के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा के कई आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने मुझे गुजरात में ज्यादा कैंपेन करने को मना किया था लेकिन मुझे काम करने में रुचि है, नतीजों की चिंता नहीं करता। बकौल राहुल गांधी, ”गीता में लिखा हुआ है काम करो, फल की चिंता मत करो।” राहुल ने कहा कि वह गीता की इन्हीं पंक्तियों पर राजनीतिक जीवन में अमल करते हैं। इंटरव्यू के दौरान राहुल ने गुजरात में कैंपेनिंग के दौरान मंदिरों में दर्शन-पूजन को लेकर उठते सवालों पर भी राय रखी। राहुल ने सवाल उछालते हुए कहा- मेरा मंदिर जाना मना है क्या? मैं अक्सर मंदिर जाता हूं। मगर भाजपा वाले गुजरात के विकास की बात करने की जगह मंदिर जाने को मुद्दा बनाते हैं।

पैसे से मेरी इमेज खराब करने की कोशिश: इंटरव्यू के दौरान राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पैसे के दम पर भाजपा के पेड वर्कर उनकी इमेज खराब करने में लगे हैं। मगर वे सफल नहीं होंगे, क्योंकि मैं सच बोलता हूं और उसे वे रोक नहीं पाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनाव के मद्देनजर अपने मेकओवर के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। राहुल ने दावा किया कि गुजरात चुनाव में मामला एकतरफा है। भाजपा के गुजरात मॉडल की पोल खुल चुकी है। कांग्रेस ही विजेता बनकर उभरेगी।

क्यों विवादों में फंसा इंटरव्यू का प्रसारण: रेल मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गांधी के इंटरव्यू के प्रसारण की इसलिए अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि वोटिंग से 48 घंटे पहले इंटरव्यू देने की मनाही है। ऐसे में राहुल गांधी का गुजराती चैनल को इंटरव्यू देना नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि चुनाव आयोग इस पर संज्ञान लेगा और कार्रवाई करेगा। वहीं गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीबी स्वेन ने कहा, “हमने डीवीडी एकत्र की है और जांच चल रही है। पता कर रहे हैं कि क्या राहुल ने नियम 126 आरपी अधिनियम का उल्लंघन किया है या नहीं।”

 

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