हिमाचल प्रदेश चुनाव 2017: भाजपा ने बनाया था 50+ सीटों का टारगेट, मगर आंतरिक सर्वे में आए उल्‍टे नतीजे

हिमाचल प्रदेश में मतगणना को अब बेहद कम वक्‍त रह गया है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार (15 दिसंबर) को एक बैठक बुलाई है। इसमें चुनाव लड़ रहे उम्‍मीदवार और पार्टी के पदाधिकारी चुनावी सर्वे और आने वाले एग्जिट पोल्‍स के आधार पर रोडमैप बनाने के लिए बंद दरवाजों के पीछे मिलेंगे। दूसरी तरफ मुख्‍यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 15 दिसंबर को अरकी में कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि एग्जिट पोल गुजरात चुनाव के 14 दिसंबर को दूसरे चरण का मतदान खत्‍म होने के बाद आएंगे। बैठक की पुष्टि करते राज्‍य भाजपा प्रमुख सतपाल सट्टी ने कहा, ”बैठक का कोई एजेंडा नहीं है मगर पार्टी के शीर्ष नेता मतगणना के दिन को लेकर उम्‍मीदवारों से बात करना चाहते हैं।” सतपाल ने राज्‍य में भाजपा की सरकार बनने का विश्‍वास जताते हुए कहा, ”भाजपा चुनाव जीतेगी। उम्‍मीदवारों को पार्टी की अपेक्षाओं के बारे में बताया जाएगा और यह भी बताया जाएगा कि सरकार बनने के बाद भाजपा किसी तरह चलेगी।”

भाजपा ने राज्‍य में 50 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है मगर पार्टी के आंतरिक सर्वे में इसकी संभावना बेहद कम जताई गई है। एक वरिष्‍ठ भाजपा नेता ने कहा कि इसकी मुख्‍य वजह ये है कि पार्टी ने उम्‍मीदवारों के नाम तय करने से पहले मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार नहीं घोषित किया। नेता के अनुसार, ”अगर पार्टी ने टिकट वितरण के पहले नेतृत्‍व का मसला सुलझा लिया होता तो पार्टी निश्चित तौर पर 50 से ज्‍यादा सीटें जीतती।”

हमीरपुर से भाजपा उम्‍मीदवार नरिंदर ठाकुर कहते हैं, ”अगर धूमलजी (प्रेम कुमार) को सीएम कैंडिडेट नहीं बनाया गया होता तो भाजपा को यहां बड़ी हार का सामना करना पड़ता। धूमल इस बार सुजानपुर से चुनाव लड़ रहे हैं और अपनी हमीरपुर सीट ठाकुर के लिए छोड़ दी। भाजपा मंडी जिले में बड़ी बढ़त की उम्‍मीद लगाए बैठी है, इसके अलावा कांगड़ा में भी उसे अपनी हालत में सुधार का अनुमान है। ये दोनों जिले राज्‍य के सबसे बड़े जिले हैं और इनमें 15 विधानसभा सीटें हैं।

हिमाचल कांग्रेस के अध्‍यक्ष सुखविंदर सुखू ने कहा, ”कांग्रेस निश्चित तौर पर अगली सरकार बना रही है। मैं हैरान हूं कि कैसे हमारे नेता आत्‍मविश्‍वास से लबरेज नजर नहीं आ रहे। पहली बार पार्टी ने रणनीति बनाकर जमीन पर लड़ाई लड़ी है। ऐसा पहली बार हुआ है जब पार्टी ने कई युवा चेहरों को प्रतिनिधित्‍व का मौका दिया है।”

 

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