शीतकालीन सत्र के पहले दिन नरेंद्र मोदी सरकार का बड़ा फैसला, ट्रिपल तलाक बिल को दी मंजूरी
ट्रिपल तलाक बिल पर केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी है। अब इस बिल को कानूनी शक्ल देने के लिए दोनों सदनों में पास कराया जाएगा। 15 दिसंबर से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में इसे पेश किया जाएगा। यह सत्र 5 जनवरी को खत्म होगा। केंद्र सरकार की ओर से तैयार विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी होगा और ऐसा करने वाले पति को तीन साल जेल की सजा हो सकती है। किसी भी स्वरूप में दिया गया ट्रिपल तलाक (मौखिक, लिखित या इलैक्ट्रोनिक) गैर कानूनी माना जाएगा। अगर किसी महिला को ट्रिपल तलाक दिया जाता है तो वह महिला खुद और अपने नाबालिग बच्चों के लिए मजिस्ट्रेट से भरण-पोषण व गुजारा-भत्ते की मांग कर सकती है। कितना गुजारा-भत्ता देना है यह मजिस्ट्रेट तय करेगा। नाबालिग बच्चों की कस्टडी के लिए भी पीड़ित मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकती है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ‘मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल’ के ड्राफ्ट को इंटर-मिनिस्टर ग्रुप द्वारा तैयार किया गया है, जिसका नेतृत्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने किया था।
गौरतलब है कि 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए छह महीने के भीतर सरकार को कानून बनाने का आदेश दिया था। इस मामले पर पांच जजों की बेंच ने सुनवाई की थी। दो जज तीन तलाक के पक्ष में थे वहीं तीन इसके खिलाफ। बहुमत के हिसाब से तीन जजों के फैसले को बेंच का फैसला माना गया। बेंच में जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस कुरिएन जोसेफ, आरएफ नरीमन, यूयू ललित और एस अब्दुल नज़ीर शामिल थे। इस केस की सुनवाई 11 मई को शुरू हुई थी। जजों ने इस केस में 18 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख दिया था।
आपको बता दें कि कानून न होने के कारण अब भी मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक की प्रथा जारी है। 9 दिसंबर को उत्तर प्रदेश में एक शख्स ने अपनी बीवी को इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि वह तीन तलाक के समर्थन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सपोर्ट करने वाली एक रैली में शामिल हुई थी। मामला बरेली के किला क्षेत्र के इंग्लिशगंज मोहल्ले का था, जहां की निवासी सायरा को उसके पति दानिश खान ने न केवल मारा पीटा बल्कि एक साल के मासूम के साथ उसे घर से बाहर निकाल दिया। इससे पहले सायरा गुरुवार (07 दिसंबर) को मेरा हक फाउंडेशन की तरफ से निकाली गई एक रैली में शामिल हुई थी।