अब संसद के अंदर मोदी को घेरने की तैयारी, पाकिस्तान लिंक पर कांग्रेस बोली- सबूत दो या माफी मांगो

संसद के ऊपरी सदन में आज यानि शुक्रवार को शीतकालीन सत्र का पहला दिन था जो कि बहुत ही हंगामे भरा रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर लगाए गए आरोपों और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता शरद यादव को अयोग्य घोषित करने के मुद्दों को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा। सदन में हंगामा इतना बढ़ गया कि सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पीएम मोदी द्वारा मनमोहन सिंह पर पाकिस्तान के साथ रिश्ते होने के आरोप पर कहा ‘यह कोई साधारण आरोप नहीं है। पीएम मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति और कई सेवानिवृत्त राजनयिकों की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाया गया है।’
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ‘जो दस साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह, उनपर पीएम नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पालनपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान और उनके नेताओं के साथ मिलकर गुजरात चुनाव में दखलअंदाजी का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह और अन्य लोगों पर आरोप लगाया कि पाकिस्तान के साथ ये लोग मिलकर गुजरात चुनाव में बीजेपी को हराने का षड़यंत्र रच रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले पर सदन में आकर बोलना चाहिए और जो उन्होंने बोला है उसका सबूत दें। अगर उनके पास सबूत नहीं है तो उन्हें केवल सदन में नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र से मांफी मांगनी चाहिए।’

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Gave notice that today’s business be suspended & a big issue that is not just national but international, be discussed. Issue is the allegations made by PM against former PM, former VP, Former Army Chief & others of conspiring with Pak for #GujaratElection: GN Azad #RajyaSabhapic.twitter.com/GEqdsn7mJx

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Prime Minister must come to the house (Rajya Sabha) & give proof of what he said or he must apologize not only to the house but to the whole nation: GN Azad

 

विपक्ष के नेता ने आगे कहा कि यह मुद्दा केवल राष्ट्र का नहीं अंतरराष्ट्रीय है और इसपर चर्चा होनी चाहिए। शरद यादव और उनके दल के एक नेता की सदस्यता रद्द किए जाने के मुद्दे पर गुलाम नबी अाजाद ने कहा ‘शरद यादव ने महागठबंधन नहीं छोड़ा, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनेक सहयोगियों ने महागठबंधन छोड़ा। वास्तव में, उन लोगों की सदस्यता को रद्द किया जाना चाहिए।’

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