भारतीय प्रेग्नेंट महिला को ब्रिटेन ने नहीं दिया वीजा, ‘उम्मीद से बेहतर’ इंग्लिश को बताई वजह

ब्रिटिश आव्रजन विभाग से जुड़ा एक विचित्र मामला सामने आया है। विभाग ने एक गर्भवती भारतीय महिला को इसलिए वीजा नहीं दिया कि उनकी अंग्रेजी उम्मीद से बेहतर और बहुत अच्छी थी। अलेक्जेंड्रिया रिंटॉल ने बताया कि ब्रिटिश वीजा हासिल करने के लिए अंग्रेजी टेस्ट जरूरी होता है। वह भी परीक्षा में शामिल हुई थीं। उन्होंने बताया कि टेस्ट पास करने के बावजूद उन्हें वीजा नहीं दिया गया क्योंकि उनका अंग्रेजी ज्ञान जरूरत से ज्यादा बेहतर पाया गया। गृह विभाग ने इसका खंडन करते हुए कहा कि अलेक्जेंड्रिया निर्धारित केंद्र पर नहीं पहुंची थीं और अपने पक्ष में जरूरी दस्तावेज भी पेश नहीं कर सकीं। ऐसे में अगर वह चाहें तो दोबारा आवेदन कर सकती हैं।

अलेक्जेंड्रिया के पति और पेशे से इंजीनियर बॉबी स्कॉटलैंड के सेंट एंड्रयूज, फाइफ इलाके में रहते हैं। अलेक्जेंड्रिया मूल रूप से मेघालय की रहने वाली हैं। क्रिसमस के मौके पर वह अपने पति के पास ब्रिटेन जाने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने वीजा के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद अंग्रेजी का टेस्ट लिया गया था। अलेक्जेंड्रिया ने आरोप लागया कि टेस्ट पास करने के बावजूद उन्हें वीजा नहीं दिया गया। अलेक्जेंड्रिया बेंगलुरु के एक होटल में रुकी हुई हैं। उनके पति बॉबी ने कहा, ‘हमलोग स्कॉटलैंड में साथ मिलकर नए सिरे से जीवन बिताने को तैयार थे। अपने घर में मेरा पहला और अलेक्जेंड्रिया का स्कॉलैंड में पहला क्रिसमस होता। यह एक सपना था जिसे एक छोटी सी बात के लिए हमसे छीन लिया गया।’ अेक्जेंड्रिया ने अंग्रेजी में डिग्री हासिल की है। वह पहले भी एडिनबर्ग जा चुकी हैं।

सख्त वीजा नियम: प्रवासियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए वीजा नियम बेहद सख्त कर दिए हैं। दक्षिण एशिया से जाने वाले छात्रों के लिए भी नियम सख्त कर दिए गए हैं। इससे भारतीय छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानियों को सामना करना पड़ा। इसके बाद भारतीय छात्र अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की ओर रुख करने लगे हैं। ब्रिटेन में वीजा नियमों में ढील देने की मांग लगातार उठती रही है।

 

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