चुनाव आयोग ने राहुल को भेजा नोटिस वापस लिया

चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे गए नोटिस को रविवार रात वापस ले लिया। आयोग ने कहा कि गांधी को जिस प्रावधान के तहत नोटिस भेजा गया था, वह फिलहाल समीक्षाधीन है।  आयोग ने नोटिस वापस लेने का एलान करते हुए कहा, ‘उसकी सुविचारित राय है कि डिजिटल और इलेक्ट्रानिक्स मीडिया के विस्तार में कई गुना बढ़ोतरी के मद्देनजर 1951 के जनप्रतिनिधि कानून में वर्णित आदर्श आचार संहिता के अनुच्छेद 126 और इससे जुड़े अन्य प्रावधानों की पुन: समीक्षा की जरूरत है ताकि मौजूदा समय की जरूरतों, चुनौतियों और उभरती स्थितियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके। चुनाव निकाय को शिकायत मिली थी कि मतदान से 48 घंटे पूर्व प्रचार अभियान समाप्त होने का प्रावधान सूचना-प्रौद्योगिकी के युग में कारगर नहीं रह गया है।  इसके बाद आयोग ने प्रावधान में संशोधन को लेकर सुझाव देने के लिए एक समिति के गठन का निर्णय किया है।

आयोग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि प्रस्तावित समिति में चुनाव आयोग, सूचना व प्रसारण मंत्रालय, कानून और आइटी मंत्रालयों, नेशनल ब्रॉडकॉस्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) और प्रेस काउंसिल आॅफ इंडिया (पीसीआई) के सदस्यों को शामिल किया जाएगा। यह समिति मौजूदा संदर्भ में संचार तकनीकों को देखते हुए जरूरी बदलावों के बारे में सुझाव देगी। गुजरात में प्रचार अभियान समाप्त होने के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिक्की के बैठक में शामिल होने, राहुल गांधी के टीवी साक्षात्कारों और भाजपा के चुनाव घोषणापत्र जारी करने को लेकर हुए विवादों के बीच यह आदेश आया है। चुनाव आयोग ने गुजरात में टीवी चैनलों को साक्षात्कार देकर चुनावी प्रावधानों और आचार संहिता का ‘प्रथमदृष्ट्या’ उल्लंघन करने को लेकर 13 दिसंबर को राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

 

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