हिमाचल प्रदेश चुनाव परिणाम 2017: हार कर भी सीएम बन पाएंगे प्रेम कुमार धूमल? पुराने सहयोगी ने हटाया राह का रोड़ा

हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनावों में बीजेपी की जीत तो हुई लेकिन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने की वजह से इसका मजा थोड़ा किरकिरा हो गया था। इसके साथ ही अब सीएम पद के लिए नए दावेदारों का नाम सामने आया है। इनमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा का नाम सबसे ऊपर है। उनके अलावा पार्टी के सीनियर नेता जयराम ठाकुर भी इस रेस में हैं। इस बीच फिर से धूमल के सीएम बनने की संभावनाएं दिखने लगी हैं। धूमल के पुराने वफादार और उनकी सरकार में मंत्री रहे वीरेंद्र कुमार ने धूमल के लिए अपनी सीट कुर्बान करने का ऑफर दिया है। कुमार राज्य में तीन बार कानून मंत्री रहे हैं। उन्होंने कुटलेहार से विधान सभा चुनाव जीता है। एनडीटीवी के मुताबिक कुमार ने धूमल के लिए अपनी विधायकी छोड़ने का प्रस्ताव दिया है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में एक सदनी व्यवस्था है। यानी वहां सिर्फ विधान सभा है, विधान परिषद नहीं। इसलिए बैकडोर एंट्री की संभावनाएं नहीं है। ऐसे में अगर पार्टी चाहेगी तभी धूमल सीएम बन सकेंगे क्योंकि किसी भी व्यक्ति को छह महीने के अंदर फिर से चुनाव लड़कर सदन में पहुंचना होगा। पार्टी से अभयदान मिलने की स्थिति में ही धूमल को विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। हालांकि, उनके राह का पहला रोड़ा ही उनके सहयोगी वीरेंद्र कुमार ने हटाया है।

सूत्र बताते हैं कि 73 साल के धूमल के सीएम बनने की संभावनाएं लगभग खत्म सी हो गई हैं क्योंकि ऐसे भी धूमल पार्टी के तथाकथित रिटायरमेंट की उम्र में पहुंच चुके हैं। इस लिहाज से उनका कार्यकाल दो साल का हो सकता था। दूसरी बड़ी बात कि पार्टी की ऐसी कोई मजबूरी फिलहाल नहीं दिखती कि वो फिर से धूमल के नाम पर विचार करे। लिहाजा, सहयोगी की कुर्बानी के बावजूद शायद ही पार्टी धूमल को अभयदान दे सके। एक-दो दिन में पार्टी के पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शिमला जाकर नव निर्वाचित विधायक दल का नया नेता चुनने की औपचारिकता पूरी करेंगे।

बता दें कि 68 सदस्यों वाली हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनावों में बीजेपी को 44 सीटों पर जीत मिली है, जबकि कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली है। अन्‍य के खाते में 3 सीट गई है।

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