पहले अगवा किया और फिर रेप कर कोठे पर बेच दिया…फिर लड़की ने जो हिम्मत दिखाई वह लाजवाब है
नाबालिग लड़कियों का अपहरण, उनका रेप और उन्हें वेश्यावृत्ति की दुनिया में धकेलने जैसी कई दर्दनाक और शर्मनाक घटनाएं आपके सामने आई होगी ।
अधिकांश लड़कियाँ ऐरे हादसों के बाद गुमनामी की दुनिया मे खो जाती है और उनकी सच्चाई दुनिया के साने नही आ पति परंतु कुछ ऐसी भी मिसालें होती है जो दुनिया के सामने आपनी लड़ाई लड़ती है और दुनिया के साने अपनी मिसाल प्रस्तूत करती है ।
बहुत सी नाबालिग लड़कियां इस अंधकार की दुनिया में कहीं गुम हो जाती हैं और उनके सपने धरे के धरे रह जाते हैं, लेकिन इन्हीं पीड़ित नाबालिग लड़कियों में एक ऐसी लड़की भी है, जिसने अपने हक के लिए लड़ाई लड़ी। साल की शुरुआत में 17 साल की इस पीड़िता को बचा लिया गया था, लेकिन उसने अपने हक के लिए आवाज उठाना जरूरी समझा और एक बार फिर वह केंद्रीय दिल्ली के वेश्यालय में लौटी। इस बार उसका मकसद उसका शोषण करने वाले लोगों को सजा दिलवाना था। इस काम में शक्ति वाहिनी के कुछ सदस्यों ने, एक एनजीओ और दिल्ली व पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त टीम ने लड़की की मदद की। पुलिस ने लड़की की मदद से जीबी रोड से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया तो वहीं एक आदमी और उसकी पत्नी को लोनी से गिरफ्तार किया गया। पीड़िता फिलहाल अपनी पढ़ाई पूरी करके एनजीओ के साथ जुड़ना चाहती है ताकि वह अपने जैसी अन्य लड़कियों की मदद कर सके।
इस पीड़ित लड़की की कहानी कुछ ऐसी है जो आपको काफी हैरान कर देगी। इसकी कहानी किसी ट्रेजिक बॉलीवुड फिल्म की कहानी से कम नहीं है। पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर स्कूल में पढ़ने वाली इस नाबालिग लड़की की जिंदगी भी सामान्य लड़कियों की तरह ही थी। स्कूल जाते वक्त रास्ते में उसकी मुलाकात एक आदमी से हुई, जिसके साथ बाद में उसकी गहरी दोस्ती हो गई। लड़की ने बताया कि उस आदमी ने उससे शादी करने का वादा किया और दिल्ली ले आया, लेकिन दिल्ली आने के बाद शादी करने की जगह उस आदमी ने लड़की का कई बार रेप किया। बाद में पीड़िता को पता चला कि उस आदमी की पांच साल पहले ही शादी हो चुकी थी। सच्चाई जानने के बाद जब पीड़िता ने उस आदमी के सामने अपनी बात रखी तब उसे कैद कर लिया गया उसको टॉर्चर किया जाने लगा। पुलिस ने बताया कि जिस आदमी ने ऐसा किया उसका नाम विनीत है और बाद में उसकी पत्नी ने भी पीड़िता की पिटाई की। दोनों ने मिलकर पीड़िता को बहुत दिनों तक टॉर्चर किया।
कुछ दिनों बाद उसे एक दलाल को बेच दिया गया। लड़की ने अपने बयान में बताया कि उसे रोजाना 8 से 10 ग्राहकों का सामना करना पड़ता था। लगभग एक साल तक लड़की के ऊपर अत्याचार होता रहा। पीड़िता को इस नर्क से तब छुटकारा मिला जब इस साल की शुरुआत में पुलिस ने वेश्यालय में छापा मारा। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पुलिस को पीड़ित लड़की बहुत ही बुरी स्थिति में मिली थी, उसे ठीक होने में छह महीने का वक्त लग गया। इन छह महीनों में ही पीड़िता ने हिम्मत जुटाते हुए ओपन स्कूल ज्वॉइन किया और बोर्ड एक्जाम दिए। पीड़िता का कहना है, ‘पढ़ाई ने मेरे दिमाग को बिजी रखा। रिजल्ट आने के बाद मैंने उन लोगों के खिलाफ एक्शन लेने की ठान ली जिन्होंने मेरी जिंदगी बर्बाद की थी।’ जिसके बाद पीड़िता ने लोकल पुलिस और शक्ति वाहिनी से मदद मांगी। शक्ति वाहिनी के सदस्य ऋषि कांत का कहना है, ‘हम लड़की की हिम्मत देखकर काफी हैरान हुए। उसने पुलिस रेड में साथ दिया और आरोपियों की पहचान करने में मदद की।’ दिल्ली और पश्चिम बंगाल पुलिस की टीम ने मिलकर सभी आरोपियों को पकड़ा। पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने अदालत के सामने गवाही देने के लिए भी हामी भर दी है।