द्युम्न हत्याकांड: आरोपी छात्र को नहीं माना जाएगा नाबालिग, जुवेनाइल बोर्ड ने सुनाया फैसला
गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के 7 वर्षीय छात्र प्रद्युम्न की कथित तौर पर हत्या करने वाले 16 साल के लड़के पर व्यस्क के तौर पर मुकदमा चलाया जाएगा। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने बुधवार को यह फैसला दिया। यह लड़का सीबीआई की हिरासत में था। बोर्ड के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ”मैं फैसले के लिए न्यायपालिका को धन्यवाद देता हूं। हमें पता था कि मंजिल बहुत दूर है, लेकिन अपने बच्चे को इंसाफ दिलाने के लिए हमें अंत तक जाना पड़ेगा। सीबीआई ने आरोपी लड़के को 7 नवंबर को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया था। इससे पहले गुड़गांव पुलिस ने हत्या के मामले में बस कंडक्टर को गिरफ्तार किया था। लेकिन प्रद्युम्न के मां-बाप द्वारा दबाव डाले जाने के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। केंद्रीय एजेंसी की जांच में कई अहम तथ्य सामने आए, जिससे लोकल पुलिस की इन्वेस्टिगेशन धरी की धरी रह गई।
गौरतलब है कि इसी साल 8 सितंबर को प्रद्युम्न की स्कूल के वॉशरूम में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उसका गला रेता गया था। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। उसी शाम गुड़गांव पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया था। स्थानीय पुलिस ने दावा किया था कि अशोक ने प्रद्युम्न की हत्या करने से पहले उसका यौन शोषण भी किया था। लेकिन सीबीआई की जांच में यह झूठा साबित हुआ। सीबीआई ने इस मामले में सीसीटीवी कैमरा फुटेज के आधार पर एक छात्र को गिरफ्तार किया था। घटना के दौरान वह क्लिप में बाथरूम से बाहर आते नजर आ रहा है। साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप के बाद भारतीय कानून में संसोधन किया गया कि 16-18 साल के किशोरों को अपराध के वक्त व्यस्क माना जाएगा।