कुलभूषण जाधव की मां, पत्नी को पाकिस्तान ने दिया वीजा, 25 दिसंबर को हो सकती है मुलाकात
पाकिस्तान उच्चायोग ने बुधवार को कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को उनसे मिलने के लिए वीजा दे दिया। माना जा रहा है कि 25 दिसंबर को जाधव की मुलाकत अपनी पत्नी और मां से हो सकती है। पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी व आतंकवाद के मामले में जाधव को मौत की सजा सुनाई है और वह फिलहाल पाकिस्तान की जेल में बंद है। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैजल ने कहा, “नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग ने कमांडर जाधव की मां एवं पत्नी को उनसे मुलाकात करने के लिए इस्लामाबाद जाने हेतु वीजा दिया।” पाकिस्तान ने 17 दिसंबर, 2017 को कहा था कि जाधव और उसकी मां का वीजा आवेदन मिल गया है और इसे आगे बढ़ा दिया गया है। जाधव की मां और पत्नी के बाघा सीमा के रास्ते शनिवार को पाकिस्तान पहुंचने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार को एक बैठक के दौरान, पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने जाधव की मां अवंतिका जाधव और उनकी पत्नी के लिए वीजा की स्वीकृति दी थी।
तब भारत सरकार ने कहा था कि जाधव की पत्नी के साथ उसकी मां और एक भारतीय राजनयिक को भी जाने की अनुमति दी जाए। जाधव की मां ने इस साल की शुरुआत में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के समक्ष वीजा आवेदन दायर किया था।
पाकिस्तान का दावा है कि भारतीय नौसेना का कमांडर जाधव भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनलिसिस विंग(रॉ) के लिए काम कर रहा था। इस्लामाबाद का कहना है कि तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने उसे अवैध रूप से पाकिस्तान में पकड़ लिया था। भारत ने कहा है कि जाधव एक पूर्व नौसेना अधिकारी हैं और वह रॉ के लिए काम नहीं कर रहे थे।
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी के आरोपों में फांसी की सजा सुनाई है। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने अपने आदेश में इस पर रोक लगा दी है। नई दिल्ली ने जाधव को वकील मुहैया कराने की मांग पर जोर दिया है, लेकिन इस्लामाबाद ने इस आधार पर अनुमति देने से इनकार कर दिया है कि जासूसों से संबंधित मामलों में इस तरह की मदद लागू नहीं है।